
तीन साल में पहली बार रूस ने यूक्रेन के साथ बिना शर्त सीधी बातचीत की पेशकश की है. हालांकि यूक्रेन ने पहले पूरी तरह संघर्ष विराम की मांग रखी है.रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को यूक्रेन के साथ सीधे वार्ता करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि यह वार्ता 15 मई को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित होगी. पुतिन का कहना है कि यह वार्ता बिना किसी शर्त के होगी और इसका उद्देश्य "स्थायी शांति" स्थापित करना है.
रूसी सेना ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तब से यह युद्ध जारी है. यूक्रेन युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. पुतिन के इस प्रस्ताव को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने "सकारात्मक संकेत" कहा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि रूस को पहले संघर्ष विराम पर सहमति देनी होगी.
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "यह एक सकारात्मक संकेत है कि रूस ने आखिरकार युद्ध समाप्त करने पर विचार करना शुरू किया है. लेकिन किसी भी युद्ध को समाप्त करने का पहला कदम संघर्ष विराम है."
उन्होंने कहा, "हम रूस से उम्मीद करते हैं कि वह कल, 12 मई से शुरू होने वाले संघर्ष विराम की घोषणा करेगा- पूरी तरह, स्थायी और विश्वसनीय." पुतिन ने विजय दिवस के मौके पर 8 से 10 मई तक तीन दिन के युद्ध विराम का ऐलान किया था.
ट्रंप ने शांति प्रयासों को सराहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह रूस और यूक्रेन के लिए "महान दिन" हो सकता है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल पर लिखा, "यह रूस और यूक्रेन के लिए एक संभावित महान दिन है. सोचिए कि इस न खत्म होने वाले 'खूनी संघर्ष' को समाप्त कर सैकड़ों-हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है."
ट्रंप का कहना है कि वह चाहते हैं कि उन्हें शांति स्थापित करने वाले राष्ट्रपति के रूप में याद किया जाए. कुछ समय पहले वह इस बात पर नाराज थे कि पुतिन ने शांति वार्ता के लिए उचित जवाब नहीं दिया. पुतिन के इस प्रस्ताव से कुछ घंटे पहले ही यूरोपीय नेताओं ने रूस से "बिना शर्त संघर्ष विराम" पर सहमति देने की मांग की थी. उन्होंने पुतिन से 30 दिन के संघर्ष विराम पर तुरंत हस्ताक्षर करने के लिए कहा.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने इस प्रस्ताव को "पहला कदम" बताया लेकिन कहा कि यह "पर्याप्त नहीं" है. माक्रों ने कहा, "बिना शर्त संघर्ष विराम के बाद ही किसी भी प्रकार की वार्ता हो सकती है."
पुतिन ने इस दबाव को "अल्टीमेटम" करार देते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वह किसी भी शर्त को मानने के बजाय केवल बातचीत के लिए तैयार हैं.
तुर्की में प्रस्तावित वार्ता की शर्तें
पुतिन ने कहा कि इस्तांबुल में होने वाली वार्ता के दौरान दोनों पक्ष "कुछ नए संघर्ष विराम" या "नए समझौतों" पर सहमति बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह बैठक बिना किसी शर्त के होगी, लेकिन इसका उद्देश्य "स्थायी शांति" स्थापित करना है.
पुतिन ने कहा, "हम बिना किसी शर्त के यूक्रेन से सीधी वार्ता का प्रस्ताव रख रहे हैं. हमारा प्रस्ताव, जैसा कि कहा जाता है, मेज पर है. अब फैसला यूक्रेन के नेताओं और उनके समर्थकों के हाथ में है."
हालांकि, पुतिन के इस प्रस्ताव के कुछ ही घंटों बाद रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके कुछ दूसरे शहरों पर ड्रोन हमले किए. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि हमले में एक व्यक्ति घायल हुआ और कई घरों को नुकसान पहुंचा.
रूस का कहना है कि मई के संघर्ष विराम के दौरान यूक्रेन ने 524 ड्रोन और 45 समुद्री ड्रोनों से रूस पर हमला किया. इसके अलावा, पश्चिमी मिसाइलों का भी उपयोग किया गया. रूस ने यह भी कहा कि उसने 8 से 10 मई के संघर्ष विराम के दौरान अपने क्षेत्रों पर हुए पांच बड़े हमलों को नाकाम किया. यूक्रेन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूस ने ही संघर्ष विराम का उल्लंघन किया.
पुतिन की शर्तें
पुतिन ने कहा कि रूस अभी भी 2022 में प्रस्तावित समझौते के आधार पर चर्चा करने को तैयार है. उस समझौते के तहत यूक्रेन को अपनी नाटो सदस्यता के लक्ष्यों को त्यागना होगा और उन चार क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटाना होगा जिन्हें रूस ने अपने नियंत्रण में ले लिया है.
पुतिन ने कहा, "यह रूस नहीं था जिसने 2022 में वार्ता से पीछे हटने का फैसला किया. यह कीव था. रूस बिना किसी शर्त के वार्ता के लिए तैयार है."
रूसी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका को उन क्षेत्रों पर रूस के नियंत्रण को मान्यता देनी चाहिए. इसके अलावा, यूक्रेन को अपने क्षेत्र में किसी भी नाटो सैन्य अड्डे की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
पुतिन ने कहा कि वार्ता के दौरान नए संघर्ष विराम पर सहमति बन सकती है. उन्होंने कहा, "तुर्की में होने वाली वार्ता के दौरान हम नए संघर्ष विराम या शांति समझौतों पर सहमति बना सकते हैं, लेकिन यह केवल पहला कदम होगा."
हालांकि, पुतिन ने यह भी कहा कि वह किसी भी प्रकार के अल्टीमेटम को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "हमने ईस्टर संघर्ष विराम, ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने और द्वितीय विश्व युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया था. लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला."
पुतिन के समर्थन में कौन?
पुतिन ने उन देशों का भी धन्यवाद दिया जिन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की कोशिश की. उन्होंने कहा, "मैं चीन, ब्राजील, अफ्रीकी और मध्य-पूर्वी देशों और अमेरिका का आभारी हूं जिन्होंने शांति वार्ता के प्रयास किए."
इस बीच, पुतिन ने पश्चिमी देशों पर "रूस को अपमानित करने" का आरोप लगाते हुए कहा कि नाटो ने सोवियत संघ के पतन के बाद से रूस की सीमाओं के पास अपनी गतिविधियों को बढ़ाया है. 2022 में शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद से अब तक रूस ने यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है. पुतिन का कहना है कि युद्ध का उद्देश्य यूक्रेन को "नाटो के प्रभाव से मुक्त करना" और रूस के प्रभाव क्षेत्र की रक्षा करना है.