प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद से कश्मीर मुद्दे पर की बातचीत, जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का उठाया मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को जम्मू-कश्मीर पर नयी दिल्ली के फैसले के पीछे की वजह बताई और विवादास्पद भारतीय इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र में यहां पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) की पांचवीं बैठक के इतर मलेशिया के प्रधानमंत्री से बात की.
व्लादिवोस्तोक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (Mahathir Mohamad) को जम्मू-कश्मीर पर नयी दिल्ली के फैसले के पीछे की वजह बताई और विवादास्पद भारतीय इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र में यहां पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) की पांचवीं बैठक के इतर मलेशिया के प्रधानमंत्री से बात की.
विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रधानमंत्री मोदी की महातिर के साथ बैठक के बारे में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मामला उठाया. दोनों पक्षों ने फैसला किया है कि हमारे अधिकारी इस संबंध में संपर्क में रहेंगे और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मामला है.’’ 53 वर्षीय नाइक टेलीविजन के माध्यम से उपदेश देने वाला एक कट्टरपंथी उपदेशक है. उसने 2019 में कथित तौर पर भारत छोड़ा और मुस्लिम बहुल देश मलेशिया चला गया जहां उसे स्थायी रूप से रहने की अनुमति दे दी गई.
यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर की चर्चा
मलेशिया के हिंदुओं और चीनी लोगों के खिलाफ आठ अगस्त को उसकी टिप्पणियों के बाद उसे देश में हर सार्वजनिक गतिविधि से प्रतिबंधित कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर संबंधी घटनाक्रमों और ‘‘पुनर्गठन’’ पर भी बातचीत की. आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी उन्होंने वार्ता की.
गोखले ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावशाली शासन और सामाजिक-आर्थिक न्याय मुहैया कराने के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के पीछे का कारण महातिर को बताया. इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने आतंकवाद और उसके बढ़ते खतरे से निपटने को लेकर चर्चा की.’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री महातिर ने स्वीकार किया कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और मलेशिया हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है.’’ भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को पांच अगस्त को हटा दिया था और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाना भारत का आंतरिक मामला है.
उसने पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह दी. पाकिस्तान भारत के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहा है. भारत के इस कदम के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने महातिर से फोन पर बात की थी और इस मामले पर उनका सहयोग मांगा था. प्रधानमंत्री महातिर ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए ‘‘अत्यंत संयम’’ बरतेंगे. उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ना जम्मू-कश्मीर की शांति एवं स्थिरता के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
यह दोनों नेताओं की दूसरी बैठक है. इससे पहले दोनों पिछले साल मई में मिले थे, जब मोदी ने 94 वर्षीय महातिर से पुत्रजय में मुलाकात की थी. गोखले ने बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बैठक बहुत अच्छी रही. उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने महातिर की चुनावी जीत को ऐतिहासिक बताया और कहा कि भारत मलेशिया के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित है.’’
गोखले ने कहा, ‘‘महातिर ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ रहा है लेकिन व्यापार में मलेशिया का अधिशेष है. उन्होंने मोदी को भरोसा दिलाया कि व्यापार बढ़ाने के साथ साथ मलेशिया उन तरीकों को खोज रहा है जो इस व्यापार को संतुलित कर सकें. उन्होंने (महातिर ने) कहा कि मलेशिया भारत से आयात बढ़ाने पर विचार करेगा ताकि मलेशिया में भारत का निर्यात बढ़ सके.’’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘व्लादिवोस्तोक में बैठकें जारी हैं. प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-मलेशिया सहयोग को विविधतापूर्ण बनाने के तरीकों पर चर्चा की ताकि दोनों देशों के लोगों की भलाई हो सके. एक महत्वपूर्ण आसियान सहयोगी के साथ संबंध मजबूत कर रहे हैं.’’
मोदी 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता और पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) की पांचवीं बैठक में भाग लेने के लिए रूस आए हैं. मोदी को व्लादिवोस्तोक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा आने पर गार्ड ऑन ऑनर दिया गया. यह मंच रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र में कारोबार एवं निवेश अवसरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है और क्षेत्र में भारत एवं रूस के बीच निकट एवं आपसी लाभकारी सहयोग विकसित करने के लिए अपार संभावनाएं पेश करता है.