पोलैंड ने जर्मनी से अपना कूड़ा वापस ले जाने को कहा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पोलैंड की सरकार का कहना है कि जर्मनी गैरकानूनी तरीके से अपना कूड़ा उसके यहां भेज रहा है जिसकी शिकायत यूरोपियन कमीशन में की जाएगी.पोलैंड की पर्यावरण और जलवायु मंत्री ऐना मोस्क्वा ने कहा है कि यह शिकायत यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस में कार्रवाई की तरफ पहला कदम होगा. कमीशन ने कहा है कि उसे इस बात की जानकारी है कि पोलैंड इस तरह की शिकायत करने जा रहा है लेकिन औपचारिक तौर पर कोई चिट्ठी नहीं मिली है. पर्यावरण मंत्री के मुताबिक जर्मनी से गैरकानूनी तरीके से आया 35,000 टन कूड़ा पोलैंड के सात कचरा क्षेत्रों में रखा गया है. उन्होने कहा, जर्मनी के बेहद साफ जर्मन सरकार को यह वापस लेना चाहिए.

क्या बोली जर्मन सरकार

जर्मनी का कहना है कि वह भी कूड़े के गैरकानूनी निर्यात को लेकर चिंतित है. हालांकि पर्यावरण मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह जिम्मेदारी संघीय सरकार की नहीं बल्कि जर्मनी के राज्यों की है. राज्य प्रशासन इन दिक्कतों के बारे में जानते हैं और देश की सरकार को भी मालूम है कि पोलैंड संपर्क में है. यह भी पता चला है कि गलत तरीके से पोलैंड पहुंचाए गए कूड़े को वापस भी भेजा गया है.

यूरोपीय कंपनियों की मदद से कचरे को ऊर्जा में बदल रहा दक्षिणपूर्व एशिया

विश्लेषकों का कहना है कि पोलैंड की सरकार इस वक्त यह मुद्दा राजनीतिक फायदे के लिए उठा रही है क्योंकि वहां संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं. देश में सत्ताधारी लॉ ऐंड जस्टिस पार्टी जर्मनी के खिलाफ भावनाओं को उभार कर अपने लिए समर्थन जुटाना चाहती है.

कूड़े की कहानी

पोलैंड में विदेशी कूड़ा कई सालों से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है. कूड़े को सुरक्षित तरीके से फेंकने के लिए पोलैंड की कंपनियां विदेशी फर्मों के साथ करार करती हैं लेकिन कुछ मामलों में शॉर्ट कट अपनाये जाते हैं. कूड़े को अनाधिकृत जगहों पर डाल दिया जाता है जिससे छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय होता है उसे जला देना. पिछले हफ्ते इसी तरह की एक साइट पर 5,000 टन रासायनिक कूड़ा जलाया गया. इस तरह जलाए गए कूड़े से निकलने वाला जहरीला धुआं लोगों की चिंता की वजह बना हुआ है.

इस साल फेंक दिए जाएंगे 5.3 अरब फोन

पोलिश कानून के तहत इस तरह जहरीले पदार्थों वाला कूड़ा गैरकानूनी तरीके से देश के अंदर लाने और उसे कहीं फेंक देने के मामले में 10 साल की सजा हो सकती है. सत्ताधारी पार्टी इस तरह की गतिविधियों के लिए विपक्ष की नीतियों को जिम्मेदार बताती है जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार कचरा क्षेत्रों का ठीक ढंग से प्रबंधन नहीं करती है.

एसबी/एनआर(डीपीए)