रूस: पुतिन से मिलेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, इन पांच मुद्दों पर होगी चर्चा

पीएम मोदी-पुतिन के बीच 6 घंटे तक 'अजेंडा रहित' वार्ता होगी। इस मीटिंग के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की संभावना न के बराबर है.साथ ही अफगानिस्तान और सीरिया की स्थिति पर चर्चा होगी.

नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन (Photo Credit-PTI)

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस के सोची शहर पहुंच चुके हैं. बता दें कि रूस के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने कहा है राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी प्रस्तावित बातचीत से भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार युक्त रणनीतिक भागीदारी को और अधिक मजबूती मिलेगी.  इस दौरान पीएम मोदी ने एक साथ कई ट्वीट करते हुए कहा कि पुतिन के साथ उनकी बातचीत द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. ज्ञात हो कि पीएम नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ यह वार्ता कई मायनों में महत्वपूर्ण है.

खबरों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी-पुतिन के बीच ईरान परमाणु डील से अमेरिका के पीछे हटने के फैसले का आर्थिक असर, अफगानिस्तान और सीरिया के हालात, आतंकवाद के खतरे और आगामी शंघाई सहयोग संगठन एवं ब्रिक्स सम्मेलन से संबंधित मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. इसके साथ ही रूस सैन्य निर्यात पर अमेरिकी प्रतिबंध से भारत के साथ होने वाली करीब 39,822 करोड़ रुपये की डील भी खतरे में है. इसलिए अनौपचारिक बैठक में यह भी चर्चा का एक अहम मुद्दा हो सकता है.

जानिए पीएम नरेंद्र मोदी और पुतिन की मुलाकात से जुड़ी 5 बड़ी बातें-

1. दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका का अलग होने का मुद्दा उठने की ज्यादा संभावना है. मोदी-पुतिन इस डील से अमेरिका के बाहर होने के बाद पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों पर चर्चा करेंगे.

2. पीएम मोदी-पुतिन के बीच 6 घंटे तक 'अजेंडा रहित' वार्ता होगी। इस मीटिंग के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की संभावना न के बराबर है.साथ ही अफगानिस्तान और सीरिया की स्थिति पर चर्चा होगी. शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) और BRICS में शामिल देशों के लिए आतंकवाद से जुड़े साझे मामलों पर भी चर्चा हो सकती है.

3. सूत्रों ने पीटीआई  को बताया कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों और भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दे पर भी बात होगी.

4. दोनों देशों के नेताओं के बीच इस अनौपचारिक सम्मेलन का मकसद क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर दोस्ती और भरोसे से समानता लाना है. दोनों देशों के बीच भारत-रूस परमाणु सहयोग से किसी तीसरे देश को जोड़ने पर भी विचार हो सकता है. इसके अलावा इंटरनैशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) प्रॉजेक्ट पर सहयोग को लेकर भी बात हो सकती है.

5. PM मोदी और पुतिन कोरियाई प्रायद्वीप को लेकर भी बात कर सकते हैं. दोनों देशों के बीच होने वाली इस बैठक में बहुत छोटा प्रतिनिधिमंडल मौजूद होगा.

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