कीव, 23 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कीव में शहीद बच्चों की याद में श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर दोनों नेताओं ने शहीद बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी स्मृति को नमन किया. इस अवसर पर दोनों नेताओं ने शहीद बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. इससे पहले दोनों नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और उसके परिणामों पर चर्चा की. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी.
ज्ञात हो कि शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी कीव पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. पोलैंड से रेल फोर्स वन पर 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद कीव पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्टेशन पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इसके बाद वह हयात होटल गए, जहां भारतीय प्रवासियों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें पोस्ट कर इस मुलाकात की जानकारी दी. वहां मौजूद भारतीयों ने पीएम मोदी के समर्थन में जमकर नारे लगाए. यह भी पढ़ें : नेपाल में भारत की नंबर प्लेट वाली एक बस के नदी में गिरने से 14 लोगों की मौत, 16 घायल
गौरतलब है कि, 1992 में द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मुख्य फोकस चल रहे रूस-यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा करना है. भारत को दोनों देशों के बीच मध्यस्थता में संभावित रूप से रचनात्मक भूमिका निभाने के रूप में देखा जा रहा है.
दिल्ली से रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "मैं द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पहले की गई बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं. इससे ठीक छह हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को की यात्रा की थी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले थे. इस पर पश्चिमी देशों ने आपत्ति जताई थी.
पीएम मोदी की इस यात्रा से व्यापार, आर्थिक निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मानवीय सहायता सहित द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय ने भी इस यात्रा के महत्व पर जोर दिया है. इस दौरान यूक्रेन और भारत के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.