देशद्रोह मामला: मुशर्रफ ने अदालत के सामने पेश होने के लिए रखी यह शर्त
शाह ने कहा, "मुशर्रफ की जान को खतरा है..उन पर दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं. पहली बार इस्लामाबाद अदालत में और दूसरी बार अकबर बुगती मामले की सुनवाई के दौरान."
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने देशद्रोह के एक मामले में अदालत में पेश होने से पहले सोमवार को राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा की मांग की. उन्होंने अपनी जान के खतरे का हवाला देते हुए यह मांग की. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील अख्तर शाह ने न्यायमूर्ति यावर अली के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय विशेष अदालत की पीठ को बताया कि अगर उनके मुवक्किल को रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है तो वह लौटेंगे और अदालत के समक्ष पेश होंगे.
शाह ने कहा, "मुशर्रफ की जान को खतरा है..उन पर दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं. पहली बार इस्लामाबाद अदालत में और दूसरी बार अकबर बुगती मामले की सुनवाई के दौरान."
इसके जवाब में पीठ के एक सदस्य ने कहा, "मुशर्रफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है. ऐसे में उन्हें सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है."
तीन नवंबर, 2007 को संविधान पर रोक लगाने के मामले में मुशर्रफ पर विशेष अदालत ने 31 मार्च 2014 को अभियोग लगाया था.वह मार्च 2016 में 'इलाज कराने' दुबई चले गए और तब से वापस नहीं लौटे हैं.