पाकिस्तान की महिला एसएचओ ने 60 दिनों में की 200 दुष्कर्म और यौन शोषण मामलों की जांच
दो महीनों में ही दुष्कर्म और यौन शोषण के 200 मामलों की जांच के करने पर महिला स्टेशन हाउस अधिकारी की प्रसंशा हो रही है. दो महीने की छोटी सी अवधि में ही उन्होंने अपने लगन और जोश से असाधारण प्रदर्शन कर दिखाया है.नाबालिग लड़कियों के साथ होने वाले यौन शोषण की घटनाएं उन्हें हमेशा से क्रोधित करती रही हैं, लेकिन वह उस समय कुछ करने में असमर्थ थीं.
इस्लामाबाद : दो महीने पहले ही पाकपट्टन की महिला स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) के तौर पर पदभार ग्रहण करने वाली युवा सब-इंस्पेक्टर कुलसूम फातिमा के काम की काफी प्रशंसा हो रही है, जिन्होंने मात्र दो महीनों में ही दुष्कर्म और यौन शोषण के 200 मामलों की जांच की है. कुलसूम जिले की पहली महिला एसएचओ हैं. दो महीने की छोटी सी अवधि में ही उन्होंने अपने लगन और जोश से असाधारण प्रदर्शन कर दिखाया है.
हाल ही में उन्होंने बीबीसी को साक्षात्कार दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि नाबालिग लड़कियों के साथ होने वाले यौन शोषण की घटनाएं उन्हें हमेशा से क्रोधित करती रही हैं, लेकिन वह उस समय कुछ करने में असमर्थ थीं.
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कुलसूम ने साक्षात्कार में कहा, "मैं एक दिन ऐसे पद पर होने की आशा करती थी, जहां मैं इन छोटी बच्चियों के लिए कुछ कर सकूं. प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद जब मुझे पंजाब पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया तब मुझे उनके लिए कुछ करने का मौका मिला."
इस महिला एसएचओ को नाबालिग व महिला संबंधित मामलों को सौंपा गया है. उनका कहना है कि वह उन कर्तव्यों को निभाकर खुश हैं, जिसे निभाने की चाहत उन्हें हमेशा से थी.
कुलसूम को मॉडल पुलिस स्टेशन दलोरियां में एसएचओ के तौर पर नियुक्त करने वाले पाकपट्टन के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) इबादत निसार का कहना है कि पाकपट्टन पुलिस में महिला अफसरों की नियुक्ति, लोगों को न्याय दिलाने में मदद करेगी.