पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान इस कारण बना 'गधों का देश', अरबों रुपये कर रहा है निवेश

आज कल पाकिस्तान गधों की वजह से दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, पाकिस्तान में गधों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पाकिस्‍तान ने खुद अपने आर्थिक सर्वेक्षण में ये खुलासा किया है.

पाकिस्तान ले रहा गधों का सहारा (File Photo)

इस्लामाबाद: आज कल पाकिस्तान गधों की वजह से दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, पाकिस्तान में गधों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पाकिस्‍तान ने खुद अपने आर्थिक सर्वेक्षण में ये खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में पाकिस्‍तान में 51 लाख गधे थे, जो 2017 में बढ़कर 52 लाख हो गए.

पूरे पाकिस्तान में गधों की तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा पाकिस्तान इसलिए कर रहा है क्योकि उसे अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है. दरअसल विदेशों में और खासकर चीन में गधों की खासा डिमांड है. ऐसा इसलिए क्योकि गधे की खाल से जिलेटिन बनता है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जाता है.

विदेशी मुद्रा का जरिया-

पाई-पाई को तरस रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नए कर्ज की तलाश में दुनिया में भ्रमण कर रहे है. ऐसे में गधों को दुनिया में बेचकर अच्छी-खासी विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है. जिसका सीधा लाभ पाकिस्तान के खजाने को होगा.

पाकिस्तान के नए निजाम इमरान खान मुल्क को खस्ता आर्थिक हालत से बाहर निकलने के लिए हर संभव कोशिशों में लगे हुए हैं. बीते दिनों इसके लिए इमरान खान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई जगह आर्थिक मदद की गुहार लगा चुके हैं. वहीं पाकिस्तान की मदद के लिए सऊदी अरब के साथ चीन ने भी हाथ आगे बढ़ाया है.

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इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान पर 300 खरब रुपए का कर्ज है. इस वजह से पाकिस्तान सरकार को प्रतिदिन छह अरब रुपए का ब्याज भरना पड़ रहा है. जिससे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली हो रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तानी का रुपया भी तबाह हो गया.

दूसरे नंबर पर पाकिस्तान-

गधों की संख्या के हिसाब से चीन दुनिया में पहले नंबर पर है. दूसरे नंबर पर पाकिस्तान और इथापिया का तीसरा नंबर है. पाकिस्तान में गधा पालन के लिए कई योजनायें भी चलाई जा रही है. इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन ने गधों को बीमारी से महफूज रखने के लिए हॉस्पिटल भी खोल रखा है. जहां पर पशु चिकित्सक न सिर्फ बीमार गधों का मुफ्त इलाज करते हैं बल्कि उनको सेहतमंद रखने के लिए दवाइयां भी देते हैं.

चीन में है डिमांड- 

चीन पाकिस्तान से गधों की खरीदारी करता है. पाकिस्तान पर चीन का भारी भरकम कर्ज है. इसलिए माना जा रहा है कि पाकिस्तान चीन के लिए गधों की संख्या में इजाफा कर रहा है. दरअसल चीन में बनने वाला ज्यादातर दवाईयों में जिलेटिन का इस्तेमाल होता है. ये जिलेटिन गधों की चमड़ी से तैयार किया जाता है. इसके अलावा चीन में गधे के मांस की भी काफी मांग रहती है. इसलिए जरुरत पूरा करने के लिए चीन को ज्यादा संख्या में गधों की जरूरत होती है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में करीब 80 लाख परिवार पशुपालन करते है. इसलिए पाकिस्तान में गधे न केवल नकद कमाई का जरिया हैं बल्कि विदेशी मुद्रा कमाने का भी अहम जरिया बन चुके है. यहीं वजह है की पाकिस्तान ने 2017 में देश में 'गधा विकास कार्यक्रम' में अरबों रुपये का निवेश किया था.

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