तिरुवनंतपुरम, 22 मई: शुरू में इनकार करने के बाद केरल का परिवार पाकिस्तान की जेल में मरने वाले 48 साल के जुल्फिकार का पार्थिव शरीर स्वीकार करने को तैयार हो गया है. जुल्फिकार के पिता हमीद ने पलक्कड़ प्रशासन को बताया है कि परिवार शव को लेने के लिए तैयार है. शव मंगलवार को केरल लाया जाएगा. हमीद ने कहा कि परिवार को पहले यह लगता था कि शव को पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा से लाना होगा. यह भी पढ़ें: Pakistan: उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादियों ने लड़कियों के दो स्कूलों को उड़ाया
हमीद ने कहा, मुझे अपने बेटे के बारे में लंबे समय से कोई जानकारी नहीं है. उसके मिडिल ईस्ट चले जाने के कुछ दिनों बाद हमने आखिरी बार 2018 में उससे बात की थी. रविवार को मुझे स्थानीय पुलिस से मेरे बेटे के बारे में फोन आया और मैंने उनसे कहा कि मेरे पास उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. बाद में जुल्फिकार के बेटे ने मुझे फोन किया और कहा कि उसके पिता का निधन हो गया है.
हमीद ने कहा, पुलिस की विशेष शाखा और आईबी ने कई बार मुझसे जुल्फिकार के बारे में पूछा था, एनआईए ने मुझसे उसके बारे में कुछ नहीं पूछा. जुल्फिकार के एक अन्य रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि उन्हें खबर मिली थी कि एक भारतीय मछुआरे की पाकिस्तान की जेल में मौत हो गई है.
पलक्कड़ के स्थानीय लोगों के अनुसार, जुल्फिकार को आखिरी बार 2018 में अपने गृहनगर में देखा गया था. इसके बाद वह अपने परिवार के साथ यूएई चला गया. हालांकि, 2019 में जुल्फिकार के आईएसआईएस समर्थक होने के आरोप सामने आने के बाद उसकी पत्नी और बच्चे पलक्कड़ लौट आए.
स्थानीय लोगों के अनुसार, तब से उसकी पत्नी और बच्चों का कभी भी जुल्फिकार से कोई संपर्क नहीं हुआ. जब शुरूआत में यह खबर आई कि अधिकारी शव को भारत-पाकिस्तान सीमा पर अपने कब्जे में लेंगे और फिर उसे उसके गृहनगर ले जाएंगे, तो परिवार ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.