पाकिस्तान को 'FATF' की ओर से ब्लैक लिस्ट नहीं किए जाने की उम्मीद, आज से होगा वर्चुअल प्लेनरी बैठक का आयोजन

मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण की निगरानी रखने वाला फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पेरिस में 21 से 23 अक्टूबर तक अपनी वर्चुअल प्लेनरी बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है. इस बीच पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि उसे ग्रे सूची से हटाकर काली सूची में नहीं डाला जाएगा.

प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo Credits: IANS)

इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर: मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण की निगरानी रखने वाला फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) पेरिस में 21 से 23 अक्टूबर तक अपनी वर्चुअल प्लेनरी बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है. इस बीच पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि उसे ग्रे सूची से हटाकर काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में नहीं डाला जाएगा. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा है कि एफएटीएफ एक्शन प्लान 2018 से लागू किया जा रहा है और इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. उन्होंने कहा, "एफएटीएफ की प्रक्रिया चल रही है. पाकिस्तान 2018 से एफएटीएफ एक्शन प्लान को लागू कर रहा है और हमने इस संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. हमारे संपूर्ण एएमएल/सीएफटी शासन को एफएटीएफ की ओर से निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर लाने के लिए कार्य योजना के अनुपालन में नया रूप दिया गया है."

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की ओर से एक बड़े राष्ट्रीय प्रयास के तहत की गई पर्याप्त प्रगति में विधायी, नियामक और परिचालन डोमेन के कदम शामिल हैं." हालांकि देश की यह तथाकथित प्रगति अभी भी एफएटीएफ की ओर से प्रदान की गई 27-बिंदु कार्य योजना का अनुपालन नहीं करती है. अगर एफएटीएफ की ओर से प्रदान किए गए इन बिंदुओं पर पाकिस्तान जमीनी स्तर पर कार्य नहीं दिखा पाता है तो उसकी ग्रे सूची में बने रहने की आस धूमिल हो जाएगी और वह ब्लैक लिस्ट हो जाएगा. एफएटीएफ के एशियन पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) द्वारा जारी हालिया फॉलो-अप रिपोर्ट (एफयूआर) में पता चला है कि पाकिस्तान कम से कम चार सिफारिशों पर गैर-अनुपालन (एनसी) रहा है.

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वह मोटे तौर पर अनुपालन (एलसी) पर आठ और आंशिक रूप से अनुपालन (पीसी) पर 28 सिफारिशों पर काम कर पाया है. जबकि एफएटीएफ की कुल 48 सिफारिशों पर उसे जमीनी स्तर पर काम दिखाना है. एफयूआर एपीजी की म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट (एमईआर) का हिस्सा है, जिसकी वार्षिक रिपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में जारी की गई थी. इस्लामाबाद (Islamabad) 2018 से ही आतंकी वित्तपोषण और धन शोधन के प्रसार और प्रवाह पर अंकुश न लगा पाने या इसे नहीं रोक पाने पर एफएटीएफ ग्रे की सूची में बना हुआ है.

पाकिस्तान को फरवरी में समय सीमा बढ़ाकर एक राहत प्रदान की गई थी और उसे धन शोधन व आतंकी वित्त पोषण मामलों पर निगरानी करने वाले इस 36 देशों की संस्था ने जून तक का समय दे दिया था. हालांकि नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद एफएटीएफ की बैठक स्थगित हो गई थी.

इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के नेतृत्व में पाकिस्तान सरकार ने एफएटीएफ मानकों को पूरा करने के उद्देश्य से अपनी कानूनी प्रणाली से संबंधित कम से कम 14 कानूनों में संशोधन किया है. पाकिस्तान 2018 से तुर्की, चीन और मलेशिया जैसे देशों से सक्रिय राजनयिक समर्थन के माध्यम से कम से कम दो बार एफएटीएफ ब्लैक लिस्ट में धकेले जाने से बच गया है. यह उम्मीद की जा रही है कि पाकिस्तान एक बार फिर इन देशों के समर्थन की आस में है.

वह एफएटीएफ की कार्ययोजना के अनुपालन के लिए अधिक समय हासिल करने की कोशिश करेगा. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चौधरी ने कहा, "एफएटीएफ ने पाकिस्तान की राजनीतिक प्रतिबद्धता और कार्य योजना में कई क्षेत्रों में हुई प्रगति को स्वीकार किया है." उन्होंने कहा, "हम एक्शन प्लान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे बढ़ रहे हैं. हम इस प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं."

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