पाकिस्तान आत्मघाती हमला: अब तक चार पुलिसकर्मी समेत सात की मौत, तालिबान ने ली हमले की जिम्मेदारी

उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में रविवार को एक जांच चौकी पर आतंकी हमले और उसके बाद एक अस्पताल में बुर्का पहनी महिला द्वारा किए गए आत्मघाती विस्फोट में चार पुलिसकर्मियों समेत कम से कम सात लोग मारे गए और लगभग 40 अन्य घायल हो गए

प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो )

पेशावर: उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में रविवार को एक जांच चौकी पर आतंकी हमले और उसके बाद एक अस्पताल में बुर्का पहनी महिला द्वारा किए गए आत्मघाती विस्फोट में चार पुलिसकर्मियों समेत कम से कम सात लोग मारे गए और लगभग 40 अन्य घायल हो गए. जिस अस्पताल में हमला हुआ है, उसमें पहले हमले के पीड़ितों को भर्ती किया गया था. दोनों हमले खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले में हुए, जिसके एक दिन पहले सूबे के नवगठित कबाइली इलाकों में पहली बार सफलपूर्वक चुनाव संपन्न हुआ था. जिला पुलिस प्रमुख सलीम रियाज ने मीडिया को बताया कि दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार अज्ञात हथियारबंद लोगों ने कोटला सैयदन चौकी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून डाला.

अधिकारी ने बताया कि मारे गए पुलिसकर्मियों के शवों को जब जिला अस्पताल लाया गया, तो वहां पहले से ही बैठी एक बुर्का पहनी आत्मघाती हमलावर ने एंबुलेंस के पास हमले को अंजाम दिया, जिसमें उसने एंबुलेंस के आसपास जमा हुए लोगों को निशाना बनाया.रियाज ने कहा, ‘‘आत्मघाती विस्फोट में दो पुलिसकर्मियों समेत पांच लोग मारे गए.’’उन्होंने कहा कि एक महिला द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट, क्षेत्र में पहली और अप्रत्याशित घटना है.प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर ने सिर से पैर तक बुर्का पहना हुआ था। पुलिस ने हमलावर के कुछ अंग बरामद किए और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया. यह भी पढ़े: पाकिस्तान के अस्पताल में बड़ा आत्मघाती हमला, महिला ने खुद को बम से उड़ाया, 6 पुलिसकर्मियों की मौत- कई घायल

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. गंभीर रूप से घायल लोगों को इलाज के लिए संयुक्त सैन्य अस्पताल में भेज दिया गया। विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस और लोक प्रशासन मौके पर पहुंचे.रियाज ने कहा कि आत्मघाती विस्फोट में 7 से 8 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने दोनों आतंकी घटनाओं में सात लोगों के मारे जाने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अधिकांश पीड़ितों की हालत गंभीर है.

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