मैर्त्स ने दी चेतावनी, 'यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं'
रविवार को जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने डीडब्ल्यू से एक खास इंटरव्यू में कहा कि किसी भी समझौते के तहत यूक्रेन की संप्रभुता का बलिदान नहीं होना चाहिए.
रविवार को जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने डीडब्ल्यू से एक खास इंटरव्यू में कहा कि किसी भी समझौते के तहत यूक्रेन की संप्रभुता का बलिदान नहीं होना चाहिए.जर्मन चांसलर ने डीडब्ल्यू से कहा कि यूरोप, यूक्रेन पर अमेरिकी योजना के विवादित तत्वों का समर्थन नहीं कर सकता. उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि डॉनल्ड ट्रंप द्वारा तय की गई गुरुवार की समयसीमा यथार्थवादी नहीं है.
जी20 शिखर सम्मेलन के बाद जोहानिसबर्ग में डीडब्ल्यू की मिषाएला कुफ्नर से बात करते हुए मैर्त्स ने कहा कि यूरोप इस प्रस्ताव के बारे में जानता था और उन्होंने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बात की थी.
यूक्रेन योजना पर मैर्त्स ने क्या कहा?
मैर्त्स ने कहा, "हम पिछले शुक्रवार से इस 28-बिंदु योजना के बारे में जानते हैं," उन्होंने आगे कहा, "मैंने देश छोड़ने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप से बात की थी. मैंने उन्हें बताया कि हम इनमें से कुछ पर सहमत हो सकते हैं, लेकिन अन्य पर नहीं, और मैंने उन्हें बताया कि हम पूरी तरह यूक्रेन के साथ हैं, इस देश की संप्रभुता से समझौता नहीं होना चाहिए."
ट्रंप के प्रस्ताव पर अमेरिका, यूक्रेन और ई3 के बीच बैठकें
मैर्त्स ने बताया कि जिनेवा में बातचीत गंभीर है और इसे अमेरिका, यूक्रेन और यूरोप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों द्वारा संचालित किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, "हमें नहीं पता कि इन वार्ताओं का परिणाम क्या होगा," हालांकि उन्होंने जोर दिया कि "अंत में, यूक्रेन की संप्रभुता पर सवाल नहीं उठना चाहिए."
योजना में रूस को यूक्रेन के बड़े क्षेत्रों को सौंपने, यूक्रेनी सेना का आकार सीमित करने और अन्य उपायों का जिक्र था, जिस पर यूरोपीय सहयोगियों ने कड़ा विरोध जताया है. मैर्त्स ने कहा कि लगभग चार वर्षों से जारी युद्ध ने यूरोप को अस्थिर कर रखा है. उन्होंने बताया, "हम अपने बुनियादी ढांचे पर गंभीर हमले देख रहे हैं. हम अपनी साइबर सुरक्षा पर गंभीर हमले देख रहे हैं. यह पूरे यूरोपीय महाद्वीप की राजनीतिक व्यवस्था के लिए एक गहरा खतरा है," उन्होंने कहा, "यही कारण है कि हम इतने सक्रिय हैं."
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मैर्त्स ने चेताते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तय की इस गुरुवार तक की समयसीमा यथार्थवादी नहीं है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सभी 28 बिंदुओं पर सहमति बनाना संभव नहीं है."
यूरोप की भूमिका पर मैर्त्स का रुख
इस बातचीत में जर्मन चांसलर मैर्त्स ने पुष्टि की कि यूरोप इसके बजाय एक "छोटा कदम" प्रस्तावित कर रहा है. उन्होंने कहा, "हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस योजना का कौन सा हिस्सा यूरोपीय, अमेरिकी और यूक्रेनी एक तरफ और रूस दूसरी तरफ सर्वसम्मति से हासिल कर सकते हैं."
ट्रंप की अपेक्षाओं पर टिप्पणी करते हुए मैर्त्स ने बताया, "हम अब गुरुवार तक एक मध्यवर्ती कदम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. और मुझे पता है कि राष्ट्रपति ट्रंप कम से कम एक मध्यवर्ती परिणाम चाहते हैं."
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उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोप के पास योजना के प्रमुख तत्वों पर दबाव बनाने की क्षमता है. जैसे कि, "रूसी संपत्तियां, जो ब्रसेल्स में स्थित हैं, अमेरिकियों को नहीं दी जा सकतीं. यह कल्पना से भी बाहर है... तो अगर यह योजना वास्तविकता बनती है, तो यूरोपीय समर्थन निश्चित रूप से जरूरी होगा."
मैर्त्स ने यह भी कहा कि बीजिंग रूस पर दबाव डालने में मदद कर सकता है. उन्होंने कहा, "चीन एक भूमिका निभा सकता है. रूस पर इस युद्ध को समाप्त करने के लिए चीन थोड़ा और दबाव डाल सकता है." चांसलर ने आगे कहा कि उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री ली चियांग के साथ अगले साल की स्टेट विजिट की तैयारी करते समय एक "बहुत लंबी बैठक" की थी. मैर्त्स ने उम्मीद जताई है कि उनकी अगले साल की यात्रा से पहले युद्धविराम हो जाएगा.