Mysterious Pneumonia: रहस्यमयी निमोनिया पर चीन ने दी सफाई, कहा- कोई असामान्य या नई बीमारी नहीं

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्थिति पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, लेकिन वे यह बात पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि किसी नए वैश्विक संक्रमण की शुरुआत का संकेत है या नहीं

Representational Image (Photo Credits: Pixabay)

बीजिंग: कोरोना महामारी के बाद अब चीन में एक और बीमारी कहर बरपा रही है. अक्टूबर के मध्य से ही यहां बड़ी संख्या में रहस्यमयी निमोनिया के मामले आ रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस स्थिति पर नजर बनाए रखा है. इस बीमारी को सबसे पहले उत्तरी चीन में रिपोर्ट किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल थे. चीन के कई अस्पतालों में इस रहस्यमयी बीमारी के मरीज देखे गए हैं, जो तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. वैसे तो इस महामारी को निमोनिया से मिलता-जुलता बताया जा रहा है, लेकिन इसके कई लक्षण निमोनिया से अलग हैं. Mysterious Pneumonia outbreak in China: चीन में रहस्यमयी बीमारी से अस्पताल फुल, स्कूल किए गए बंद, इन लक्षणों को न करें इग्नोर.

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने उत्तरी चीन में बच्चों को हो रहे अजीब तरह के निमोनिया को लेकर मीडिया में आई खबरों और एक वैश्विक संक्रामक रोग निगरानी सेवा की रिपोर्टों का हवाला दिया और चीन से इस सप्ताह की शुरुआत में इस बारे में और जानकारी देने का अनुरोध किया.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्थिति पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, लेकिन वे यह बात पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि किसी नए वैश्विक संक्रमण की शुरुआत का संकेत है या नहीं. महामारी फैला सकने वाले किसी वायरस के संक्रमण की शुरुआत आम तौर पर श्वसन संबंधी बीमारी के अज्ञात स्वरूप से शुरू होती है. सार्स और कोविड-19 दोनों को सबसे पहले असामान्य प्रकार का निमोनिया बताया गया था.

लॉकडाउन हटाने के बाद से बढ़ रहे मामले

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारियों ने 13 नवंबर को श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि की सूचना दी थी. उसके अनुसार, आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि कोविड-19 से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से संबंधित पाबंदियां हटा दी गई हैं.

महामारी संबंधी प्रतिबंध हटाए जाने पर अन्य देशों में भी श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे ‘रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ या आरएसवी के मामलों में वृद्धि देखी गई थी. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि लगभग एक सप्ताह बाद मीडिया की खबरों में उत्तरी चीन में बच्चों में अज्ञात निमोनिया के मामलों की सूचना दी गई.

बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़े

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि उसने गुरुवार को चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें वह आंकड़े मुहैया कराए गए, जिसका उसने अनुरोध किया था. आंकड़ों में अक्टूबर के बाद से जीवाणु संक्रमण, आरएसवी, इन्फ्लूएंजा और सामान्य सर्दी वायरस समेत विभिन्न बीमारियों के कारण बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में वृद्धि देखी गई है.

जानें चीन ने क्या कहा

चीनी अधिकारियों ने कहा कि उनके देश में कोई ‘‘असामान्य या नई बीमारी’’ सामने नहीं आई है और इससे देश के अस्पतालों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये चीनी अधिकारियों द्वारा पहले बताए गए श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि है या अलग-अलग मामलों से जुड़े हैं.’’ डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उत्तरी चीन में पिछले तीन वर्षों की तुलना में अक्टूबर के मध्य से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि दर्ज की गई थी.

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के लिए सार्वजनिक रूप से देशों से अधिक विस्तृत जानकारी मांगना दुर्लभ है, क्योंकि ऐसे अनुरोध आम तौर पर आंतरिक रूप से किए जाते हैं. आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुधवार को सुझाव दिया कि हल्के लक्षण वाले बच्चे ‘‘पहले प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों या सामान्य अस्पतालों के बाल रोग विभाग में जाएं’’ क्योंकि बड़े अस्पतालों में भीड़ होती है और उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है. स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि वह बच्चों में संक्रामक रोगों के मामलों पर करीबी नजर रखे हुए है.

(इनपुट भाषा)

Share Now

\