Monkeypox Cases: कांगो सहित अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स का बढ़ा खतरा, WHO ने घोषित किया वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है. अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है.

Mpox Cases (img: Pixabay )

संयुक्त राष्ट्र, 15 अगस्त : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है. अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की. उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप पर काम कर रहा है.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैंने घोषणा की थी कि मैं कांगो और अफ्रीका के अन्य देशों में एमपॉक्स के बढ़ने का मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत एक आपातकालीन समिति बुला रहा हूं. आज, आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि उनके विचार में एमपॉक्स को लेकर जो स्थिति है वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है. मैंने समिति के द्वारा दी गई सलाह को स्वीकार कर लिया है. यह भी पढ़ें : HIV Test: मध्य प्रदेश में एचआईवी के 6,000 मरीज, जागरूकता अभियान की शुरुआत

उन्होंने कहा कि पूर्वी कांगो में एमपॉक्स के एक नए समूह का पता लगा है. और यह बहुत तेजी से पड़ोसी देशों में भी फैल रहा है. जहां पहले एमपॉक्स की रिपोर्ट नहीं की गई थी, और अफ्रीका और उसके बाहर इसके और फैलने की संभावना बहुत चिंताजनक है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि अफ्रीका के अन्य भागों में एमपॉक्स के अन्य क्लेड्स के प्रकोपों के अलावा, यह स्पष्ट है कि इन प्रकोपों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है. सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कानून के तहत अलार्म का उच्चतम स्तर है.

उन्होंने कहा कि कि आपातकालीन समिति ने मुझे और अफ्रीकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र की सलाह दी. जिसके बाद मंगलवार को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. डब्ल्यूएचओ जमीनी स्तर पर है, क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से प्रभावित देशों और जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ, है. अफ्रीका CDC, NGO, नागरिक समाज सहित अन्य भागीदारों के साथ काम कर रहा है.

"उदाहरण के लिए, हम रक्त के नमूनों का विश्लेषण करने और एमपॉक्स के मामलों की पुष्टि करने के लिए मशीनें प्रदान कर रहे हैं; हम वायरल नमूनों को अनुक्रमित करने के लिए प्रयोगशालाओं की मदद ले रहे हैं. हम मामले की जांच और संपर्क ट्रेसिंग, जोखिम पूर्ण संचार और सामुदायिक जुड़ाव को लेकर काम कर रहे हैं; हम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं और उचित देखभाल प्रदान करने के लिए चिकित्सकों की सहायता ले रहे हैं; हम विभिन्न देशों तक टीकों की पहुंच बनाने के लिए सहयोग प्रदान कर रहे हैं. इस कार्य को वित्तपोषित करने के लिए, WHO ने एक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया योजना विकसित की है, जिसके लिए आरंभिक 15 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है.

हमने आपात स्थितियों के लिए WHO आकस्मिक निधि से लगभग 1.5 मिलियन डॉलर जारी किए हैं, और हम आने वाले दिनों में और अधिक जारी करने की योजना बना रहे हैं. महानिदेशक ने कहा कि डब्ल्यूएचओ आने वाले दिनों और सप्ताहों में वैश्विक प्रतिक्रिया का समन्वय करने, प्रत्येक प्रभावित देश के साथ मिलकर काम करने और संक्रमण को रोकने, संक्रमित लोगों का इलाज करने और जीवन बचाने के लिए अपनी जमीनी उपस्थिति का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

मैं आपातकालीन समिति को उसके कार्य और सलाह के लिए धन्यवाद देता हू, और मैं आपातकालीन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डिमी ओगोइना को समिति के विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत करने का अवसर देना चाहूंगा. कांगो में एक दशक से अधिक समय से एमपॉक्स की रिपोर्ट की जा रही है, और उस अवधि में प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट किए जाने वाले मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है.

पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई, और इस साल अब तक रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें शामिल हैं. एमपॉक्स वायरस का एक अलग रूप - क्लेड IIb - 2022 में दुनिया भर में फैल गया था, जो मुख्य रूप से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के बीच फैलता है. WHO ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की. जुलाई 2022 से मई 2023 तक इसका प्रकोप रहा. जो अब काफी हद तक कम हो गया है और लगभग 90,000 में से 140 मौतों का कारण बना है.

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