मौलाना फजलुर रहमान ने फिर बढाया इमरान का टेंशन, कहा- शासकों की जड़ें कट चुकी हैं, पीएम को इस्तीफा देना होगा

पाकिस्तान में इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलनरत जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा है कि देश में हुक्मरान अब अपने दिन गिनने शुरू कर दें. पर्दे के पीछे हुई किसी गतिविधि की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस्लामाबाद से 'ऐसे ही' वापस नहीं लौटे हैं. देश को दोबारा चुनाव की तरफ जाना होगा.

मौलाना फजलुर रहमान (Photo Credits: IANS)

पाकिस्तान में इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलनरत जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rahman) ने कहा है कि देश में हुक्मरान अब अपने दिन गिनने शुरू कर दें. पर्दे के पीछे हुई किसी गतिविधि की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस्लामाबाद से 'ऐसे ही' वापस नहीं लौटे हैं. जेयूआई-एफ के हजारों कार्यकर्ता देश भर से आजादी मार्च की शक्ल में इस्लामाबाद पहुंचे थे और उन्होंने वहां 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ धरना दिया था. फिर, धरना समाप्त कर कार्यकर्ता अपने इलाकों में लौटे और अब वे आंदोलन के तहत देश के अलग-अलग इलाकों में मार्ग अवरुद्ध कर रहे हैं.

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बनू में एक कार्यक्रम में मौलाना फजलुररहमान ने कहा, "शासकों की जड़ें कट चुकी हैं. वे अब अपने दिन गिनने शुरू कर दें. हम इस्लामाबाद बिना वजह नहीं गए थे और न ही वहां से ऐसे ही वापस लौट आए हैं." उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा शासकों का कोई नजरिया नहीं है. इनके पास विरोधियों को गाली देने के अलावा कुछ नहीं है. यह वोट की चोरी कर सत्ता में आए हैं. हम इन्हें इसकी इजाजत नहीं दे सकते. हम पाकिस्तान के संविधान की रक्षा के लिए निकले हैं.

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प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को एक कार्यक्रम में मौलाना फजल पर कड़ी टिप्पणियां की थीं. उन्होंने कहा था कि पैसे लेकर  है. उन्होंने इस्लामाबाद के धरने को सर्कस करार दिया था.

इमरान को जवाब देते हुए मौलाना ने कहा, "हुक्मरान गाली गलौच ब्रिगेड तैयार कर इसे सियासत समझते हैं. हम किसी के पीछे छिपने वाले लोग नहीं हैं, हम मैदान में खड़े हैं. आओ, अपने और मेरे चरित्र का मुकाबला करो. मेरे पिता और अपने पिता के चरित्र का मुकाबला करो. मेरे दादा और अपने दादा के चरित्र का मुकाबला करो. इन बातों से सरकारें नहीं चला करतीं. देश को दोबारा चुनाव की तरफ जाना होगा."

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