Israel-Hamas War: गाजा बना बच्चों का कब्रिस्तान, जीवित लोगों के लिए नरक... इजराइल के एक्शन पर UNICEF ने जताई चिंता
यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने स्विस शहर जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की प्रेस वार्ता में कहा कि गाजा में बच्चे न केवल हवाई हमलों के कारण मर रहे हैं, बल्कि मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण भी मर रहे हैं. प्रवक्ता ने अफसोस जताया कि बच्चों की मौत का आंकड़ा 3,450 से अधिक हो गया है.
Israel-Hamas War: इजराइल-हमास के बीच लगातार 25 दिनों से युद्ध जारी है. ये जंग कब रूकेगी इस बारे में कुछ कहा नीं जा सकता. इजराइल ने गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल ने हमास को जड़ से खत्म करने का ऐलान किया है इसके लिए आसमान से लेकर जमीन तक ताबड़तोड़ हमला जारी है. इस जंग का खामियाजा गाजा के मासूम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने गाजा पट्टी में इजराइल की तरफ से लगातार जारी बमबारी में बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है. हमास पर हर मिनट बम गिरा रहा इजरायल, गाजा में सेना ने मचाई तबाही.
यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर (James Elder) ने स्विस शहर जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की प्रेस वार्ता में कहा कि गाजा में बच्चे न केवल हवाई हमलों के कारण मर रहे हैं, बल्कि मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण भी मर रहे हैं. प्रवक्ता ने अफसोस जताया कि बच्चों की मौत का आंकड़ा 3,450 से अधिक हो गया है.
बच्चों का कब्रिस्तान बना गाजा
जेम्स एल्डर ने कहा कि गाजा बच्चों का कब्रिस्तान बन गया है. वहीं जिंदा बचे लोगों के लिए एक नरक बन गया है. एल्डर ने चेतावनी देते हुए कहा, यह संख्या हर दिन काफी बढ़ रही है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 4 वर्षों में वैश्विक संघर्षों में वार्षिक कुल संख्या की तुलना में गाजा में तीन सप्ताह में अधिक बच्चे मारे गए हैं.
गाजा में गंभीर जल संकट
यूनिसेफ (United Nations Children's Fund) प्रवक्ता ने गाजा में बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बम से ज्यादा भी कई खतरे हैं जिनसे गाजा के बच्चों की मौत हो रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि गाजा में 1 मिलियन से अधिक बच्चों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गाजा का दैनिक जल उत्पादन इसकी उत्पादन क्षमता का महज 5 प्रतिशत है. इसके चलते डीहाइड्रेशन और प्यास के कारण भी बच्चों की मौत हो रही है.
उन्होंने कहा कि जंग खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक जीवित बचे बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्हें खाने और पानी के लिए तो संघर्ष करना ही होगा साथ ही वे शारीरिक और मानसिक रूप से भी बेहद कमजोर हो जाएंगे. बच्चों के जहन से इस तबाही का डर निकालना मुश्किल होगा.