अमेरिका में स्पीकर केविन मैकार्थी ने मंगलवार को घोषणा की कि वह संसद को राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ महाभियोग की जांच शुरू करने का निर्देश दे रहे हैं. यह मामला बाइडेन के परिजनों के कारोबारी सौदों से जुड़ा है.अमेरिका के लिए 2024 के चुनाव से पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच एक ऐतिहासिक घटना है. मैकार्थी का कहना है कि संसद की अब तक की जांच ने बाइडेन परिवार के इर्दगिर्द "भ्रष्टाचार की संस्कृति की तस्वीर" दिखाई है. रिपब्लिकन पार्टी ने जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के कारोबारी सौदों को जांच कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. ये मामले जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से पहले के हैं.
महाभियोग जांच के निर्देश
मैकार्थी ने यूएस कैपिटल पर कहा, "ये आरोप ताकत के दुरुपयोग, अवरोध और भ्रष्टाचार के हैं जिनकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स को आगे जांच करनी चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि वह ओवरसाइट कमेटी के नेतृत्व में संसद को "औपचारिक महाभियोग की जांच शुरू" करने का निर्देश दे रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर व्हाइट हाउस ने इस कार्रवाई को "अत्यंत राजनीतिक और बेहद खराब" कहा है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता इयान सैम्स का कहना है, "हाउस के रिपब्लिकन राष्ट्रपति की 9 महीने से जांच कर रहे हैं और वो कुछ गलत करने का कोई सबूत नहीं ला सके हैं."
स्पीकर ने उठाया कदम
मैकार्थी ने यह कदम खुद से उठाया है हालांकि उन पर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से काफी दबाव बनाया गया. आशंका ये भी थी कि वह अगर बाइडेन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो शायद उनकी स्पीकर की कुर्सी भी जा सकती है. इस बीच वह महीने के आखिर में संघीय सरकार को तालाबंदी से बचाने के लिए जरूरी अध्यादेश पास कराने के लिए भी जूझ रहे हैं.
मैकार्थी ने इस जांच का निर्देश सदन में वोटिंग कराए बगैर ही जारी कर दिया है. फिलहाल यह साफ नहीं है कि उन्हें इस मुद्दे पर सदन में पर्याप्त समर्थन है भी या नहीं. कुछ सांसदों का कहना है कि सबूत इतने नहीं है जो संविधान में तय किए मानकों को पूरा कर सकें.
व्हाइट हाउस और कुछ दूसरे लोगों ने मैकार्थी के पुराने बयानों की ओर ध्यान दिलाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर स्पीकर अपनी तरफ से महाभियोग की जांच शुरू कराता है तो उसकी कोई वैधता नहीं है. सैम्स का कहना है कि मैकार्थी "पलट गए क्योंकि उनके पास समर्थन नहीं है."
व्हाइट हाउस का कहना है कि बाइडेन अपने बेटे के कारोबारी सौदों से नहीं जुड़े हैं. डेमोक्रैटिक पार्टी के नेताओं का मानना है कि भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर रिपब्लिकन नेता बाइडेन और ट्रंप के बीच फर्क घटाने की कोशिश में हैं. पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर दो बार महाभियोग हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चला लेकिन सीनेट से उन्हें दोनों बार बरी कर दिया गया. अब उन पर कोर्ट में कई मामलों में मुकदमा चल रहा है.
जो बाइडेन पर आरोप
रिपब्लिकन सांसद, हंटर बाइडेन के कारोबारी सौदों की जांच कर रहे हैं हालांकि उन्हें अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जिसे राष्ट्रपति से जोड़ा जा सके. कुछेक घटनाएं जिनकी ओर ध्यान दिलाया जा रहा है वो तब की हैं जब बाइडेन बराक ओबामा के दौर में उप राष्ट्रपति थे. तब उन्होंने फोन पर बात की थी या फिर बेटे की ओर से कारोबारियों को दी गई पार्टी में शामिल हुए थे.
जांच महाभियोग की तरफ जाने वाला एक कदम होता है जिसका इस्तेमाल दुर्लभ है और मैकार्थी ने संभावित आरोपों की तरफ ध्यान दिलाया है. डॉनल्ड ट्रंप अभी भी अगले चुनाव में बाइडेन को चुनौती देने वालों में सबसे आगे हैं. माना जा रहा है कि डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं और उनके सामने कई कानूनी अड़चनें आ रही हैं इसलिए रिपब्लिकन पार्टी बाइडेन को भी ऐसे झमेलों डालने की कोशिश में है.
जांच का नेतृत्व ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन जेम्स कोमर करेंगे. उन्हें कुछ दूसरी कमेटियों के प्रमुखों का भी सहयोग मिलेगा. ये लोग जल्दी ही सीनेट को इस बारे में जानकारी देंगे.
एनआर/ओएसजे (एपी)