ताइवान में बुधवार को जो भूकंप आया था, ऐसा भूकंप वहां पिछले 25 सालों में नहीं आया. इस देश में इससे पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आए हैं लेकिन हर बार जान-माल का नुकसान सीमित ही रहता है. आखिर कैसे?बुधवार को आए 7.4 तीव्रता वाले भूकंप के बाद अभी तक ताइवान में नौ लोगों के मारे जाने की खबर है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, इमारतों और राजमार्गों को नुकसान पहुंचा है.
ताइवान की भूकंप संबंधित एजेंसी के मुताबिक इसकी तीव्रता 7.2 थी, लेकिन अमेरिकी एजेंसी के अनुसार तीव्रता 7.4 थी. हुआलिएन काउंटी में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा लेकिन राजधानी ताइपेई में सिर्फ थोड़ा सा नुकसान हुआ, बावजूद इसके कि वहां भी भूकंप को काफी तीव्रता से महसूस किया गया था.
भूकंप सुबह-सुबह की आपाधापी के बीचोबीच आया था लेकिन फिर भी इधर से उधर जाने वालों को सिर्फ थोड़ी से देर हुई. भूकंप के कुछ ही मिनटों बाद माता-पिता फिर से बच्चों को स्कूल ले जा रहे थे और लोग गाड़ियों में अपने अपने दफ्तर भी जा रहे थे.
इस तरह के शक्तिशाली भूकंप पहले भी आए हैं लेकिन देश के 2.3 करोड़ निवासियों पर इनका असर सीमित ही रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए हैं क्योंकि यहां भूकंप के प्रति मुस्तैदी उत्कृष्ट स्तर की है.
क्यों आते हैं इतने भूकंप
ताइवान प्रशांत महासागर को घेरने वाली भूकंपीय फॉल्ट की रेखा "रिंग ऑफ फायर" में स्थित है, जहां दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं. यहां फिलीपीन सी प्लेट और यूरेशियन प्लेट नाम की दो टेक्टॉनिक प्लेटों के एक दूसरे के साथ टकराने की वजह से काफी तनाव रहता है.
इसी तनाव के अचानक रिलीज होने की वजह से भूकंप आते हैं. इस इलाके में पहाड़ भी बहुत हैं जिसकी वजह से जमीन का कंपन में वृद्धि हो जाती है और इस वजह से भूस्खलन भी होता है. ताइवान में बुधवार को कई जगह इस तरह का भूस्खलन भी हुआ.
कितना तैयार रहता है ताइवान
मिसूरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में भूकंपविज्ञानी और प्रोफेसर स्टीफेन गाओ कहते हैं, "भूकंप के प्रति मुस्तैदी के मामले में ताइवान दुनिया में सबसे विकसित देशों में से हैं. यहां इमारतें बनाने के लिए कड़े नियम लागू हैं, एक विश्व स्तरीय सीस्मोलॉजिकल नेटवर्क है और भूकंप सुरक्षा को लेकर व्यापक पब्लिक एजुकेशन कैंपेन भी चलाए गए हैं."
सरकार नई और मौजूदा इमारतें के लिए अनिवार्य भूकंप प्रतिरोधक क्षमता के स्तर की लगातार समीक्षा करती रहती है. इससे निर्माण का खर्च भी बढ़ सकता है लेकिन सरकार उन लोगों को सब्सिडी देती है जो अपनी अपनी इमारतों की प्रतिरोधक क्षमता की जांच करवाने के लिए तैयार हो जाते हैं.
2016 में ताइनान शहर में आए भूकंप में एक 17 मंजिला इमारत ध्वस्त होने वाली एकलौती प्रमुख इमारत थी. दर्जनों लोग मारे गए थे. इसके बाद जांच में इस इमारत के निर्माण में पांच लोगों को लापरवाही का दोषी पाया और उन्हें कारावास की सजा दी गई.
इसके अलावा स्कूलों और दफ्तरों में भूकंप की ड्रिलें भी करवाई जाती हैं और सरकारी मीडिया में और मोबाइल फोन पर नियमित रूप से भूकंप सुरक्षा के संदेश भेजे जाते हैं. गाओ कहते हैं, "इन कदमों की वजह से भूकंपों के प्रति ताइवान की रेसिलिएंस काफी बढ़ी है जिससे विनाशकारी नुकसान और मौतों की संभावना को कम किया गया है."
1999 ने बदली तस्वीर
अमेरिकी संस्था यूएसजीएस के मुताबिक ताइवान और उसके इर्द गिर्द के समुद्री इलाके में 1980 के बाद 4.0 या उससे ज्यादा तीव्रता के करीब 2,000 भूकंप और 5.5 से ज्यादा तीव्रता के 100 से ज्यादा भूकंप आए हैं.
21 सितंबर, 1999 को हाल के सालों में ताइवान का सबसे बुरा भूकंप आया था. इसकी तीव्रता 7.7 थी और इसकी वजह से 2,400 लोग मारे गए थे, करीब 1,00,000 लोग घायल हुए थे और हजारों इमारतें टूट गई थीं.
नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान और पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डेनियल अल्ड्रिच कहते हैं कि देश ने इस भूकंप से सबक लिया गया और आपात प्रतिक्रिया और आपदा न्यूनीकरण को सुधारने के लिए कई प्रशासनिक बदलाव लाए गए.
सरकार ने डिजास्टर प्रिवेंशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट पारित किया और भूकंप संबंधित समन्वय और प्रशिक्षण के लिए दो राष्ट्रीय केंद्र बनाए. अल्ड्रिच कहते हैं, "मुझे लगता है हम इस ताजा झटके में उसी के नतीजे देख रहे हैं."
सीके/एए (एपी)