लाहौर: मुंबई के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड (Mumbai Terrorist Attack Mastermind) और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को शनिवार को पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर (Lahore) स्थित आंतकवाद रोधी अदालत (Anti-Terrorism Court) में पेश किया गया, हाफिज सईद की पेशी आतंकवाद के लिए अवैध फंडिंग (टेरर फंडिंग) (Illegal Funding Case) देने के मामले में हुई, लेकिन कोर्ट में हाफिज सईद को आरोपित नहीं किया जा सका, क्योंकि उसका सह-अभियुक्त मलिक जफर (Malik Zafar) अदालत में पेश नहीं हुआ. कोर्ट में मलिक जफर के मौजूद न होने की वजह से अब हाफिज सईद के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 11 दिसंबर को सुनवाई होनी है.
बता दें कि आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और एक अन्य सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल के खिलाफ आरोपों को तय करने के लिए अब 11 दिसंबर की तारीख तय की है.
हाफिस सईद पर 11 दिसंबर को तय होंगे आरोप-
Lahore: Hafiz Saeed was produced before anti-terrorism court in connection with an illegal funding case. He could not be charged today as his co-accused Malik Zafar was not present at court. Court has fixed December 11 as next date to frame charges against him. (File pic) pic.twitter.com/6maVt2fnsC
— ANI (@ANI) December 7, 2019
अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद पीटीआई से कहा कि पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग की प्राथमिकी 30/19 के तहत हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ मामले पर आतंकवाद के लिए अवैध फंडिंग करने के संबंध में आतंकवाद रोधी अदालत-1 में आरोप तय किए जाने थे, लेकिन सह-आरोपी मलिक जफर इकबाल को जेल से पेश नहीं किया गया. इसके कारण मामले को आरोप तय करने के लिए 11 दिसंबर तक मुल्तवी किया जाता है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान का आतंकवाद प्रेम फिर हुआ जगजाहिर, UN से कहा हाफिज सईद को पैसे निकालने की दो इजाजत
बता दें कि सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से उच्च सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया. सुरक्षा कारणों के चलते पत्रकारों को सुनवाई की रिपोर्टिंग करने के लिए अदालत परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. अदालत के अधिकारी ने बताया कि न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इकबाल 11 दिसंबर को अगली सुनवाई में पेश हो.
(भाषा इनपुट के साथ)