कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते पाकिस्तान में सोना 93650 के पार
नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) ने चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इस घातक वायरस की वजह से केवल चीन की अर्थव्यवस्था पर ही विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि इसका असर अन्य देशों में भी देखने को मिल रहा है
कराची: नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) ने चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इस घातक वायरस की वजह से केवल चीन की अर्थव्यवस्था पर ही विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है, बल्कि इसका असर अन्य देशों में भी देखने को मिल रहा है. इस बीच पाकिस्तान में शुक्रवार को सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर 93,650 रुपये प्रति तोला (11.66 ग्राम) पर पहुंच गई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में घातक कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद निवेशकों ने इस कीमती धातु में रुपये निवेश किए हैं.
ऑल सिंध सर्राफ एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन का कहना है कि सोने को निवेश का एक सुरक्षित माध्यम माना जाता है, जोकि हाल में 23 डॉलर के उछाल के साथ वैश्विक बाजार में सात साल के उच्च स्तर 1,635 डॉलर प्रति औंस (31.10 ग्राम) पर पहुंच गया हैचीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2,200 से अधिक हो चुकी है। वहीं 75,000 से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अब तो यह जानलेवा वायरस दो दर्जन देशों में फैल गया है. यह भी पढ़े: चीन में कोरोनावायरस का कहर, ईरान में 2 की मौत, इजराइल में आया पहला मामला सामने
रेज कमोडिटीज के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी अदनान अगर ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, "कोरोना वायरस के प्रसार से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होने की आशंका है. उन्होंने कहा, "वायरस के प्रसार के रुकने तक सोने के मूल्यों में तेजी बने रहने की संभावना है.अगर दुनिया वायरस को नियंत्रित करने में विफल रहती है तो सोना 1,700 से 1,800 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है.
वायरस का प्रकोप झेल रहे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में आर्थिक गतिविधि पर विपरीत असर पड़ा है. अदनान ने कहा, "वायरस के फैलने के बाद से चीन में अनुमानित 70-80 फीसदी उत्पादन क्षमता बंद है. विश्व अर्थव्यवस्था पर वायरस के प्रभाव के कारण वैश्विक शेयर बाजार, विशेष रूप से चीन और अमेरिका का शेयर बाजार गिरावट की ओर हैं. अदनान ने कहा, "चीन की अर्थव्यवस्था, जो हाल के वर्षों में लगभग छह फीसदी बढ़ी, उत्पादन बंद होने के कारण इस वर्ष 3.5 फीसदी तक धीमी होने की आशंका है.