Who is Susie Wiles: अमेरिकी इतिहास में पहली बार... ट्रंप ने सूसी विल्स को बनाया व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सूसी विल्स को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया है. सूसी विल्स इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाली पहली महिला होंगी. यह अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि चीफ ऑफ स्टाफ का पद किसी महिला को दिया गया है.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सूसी विल्स को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ (White House Chief Of Staff) नियुक्त किया है. सूसी विल्स (Susie Wiles) इस महत्वपूर्ण पद को संभालने वाली पहली महिला होंगी. यह अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि चीफ ऑफ स्टाफ का पद किसी महिला को दिया गया है. 67 वर्षीय विल्स को ट्रंप ने गुरुवार को इस पद के लिए चुना. इस नियुक्ति के साथ ही वे अमेरिकी इतिहास की पहली महिला चीफ ऑफ स्टाफ बन गई हैं.
ट्रंप ने कहा, "सूसी विल्स ने मुझे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत हासिल करने में मदद की है. वह मेरे 2016 और 2020 के सफल अभियानों का अभिन्न हिस्सा रही हैं. सूसी सख्त, स्मार्ट और इनोवेटिव हैं और उन्हें सभी सम्मानित करते हैं." ट्रंप ने इस ऐतिहासिक पद को उनके लिए एक "सम्मान" बताया और कहा कि वह अमेरिका को गौरवान्वित करेंगी.
व्हाइट हाउस की नई चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स
कौन हैं सूसी विल्स?
सूसी विल्स फ्लोरिडा की एक अनुभवी रिपब्लिकन रणनीतिकार हैं और ट्रंप के कई महत्वपूर्ण अभियानों की सूत्रधार रही हैं. 2016 और 2020 में फ्लोरिडा में ट्रंप के चुनाव अभियान की अगुवाई भी उन्होंने ही की थी. इस बार उनके अभियान की अनुशासित योजना का पूरा श्रेय सूसी को ही दिया जा रहा है. सूसी विल्स की नियुक्ति अमेरिकी राजनीति में एक नया इतिहास है, और यह दिखाता है कि महिलाएं भी शीर्ष पदों पर अपनी काबिलियत साबित कर सकती हैं.
चीफ ऑफ स्टाफ का क्या काम होता है?
अमेरिका में चीफ ऑफ स्टाफ का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. यह व्यक्ति राष्ट्रपति का करीबी सहयोगी होता है और राष्ट्रपति के एजेंडे को लागू करने में मदद करता है. वह राष्ट्रपति के सभी नीतिगत और राजनीतिक प्राथमिकताओं को व्यवस्थित करता है और इस बात की निगरानी रखता है कि कौन राष्ट्रपति से मिल सकता है. इसके लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है और चीफ ऑफ स्टाफ सीधे राष्ट्रपति को ही रिपोर्ट करता है. इस पद को गेटकीपर भी कहा जाता है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति को कब और किससे मिलना चाहिए.