जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (Jamiat Ulema-e-Islam-Fazl) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Fazal-ur-Rehman) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की 'अक्षम' सरकार के खिलाफ 'लड़ाई' जारी रखने का संकल्प लिया है. इसके साथ ही उनका 'आजादी मार्च' धरना यहां 11वें दिन में प्रवेश कर गया. रहमान ने धरने में शामिल लोगों को रविवार को संबोधित करते हुए कहा, "यह लड़ाई जारी रहेगी. हम पीछे नहीं हट सकते. सभी राजनीतिक दल हमारे संपर्क में हैं." रहमान ने कहा कि यहां तक कि जब वह बोल रहे हैं, विपक्षी पार्टियां अगला कदम उठाने के संबंध में विचार-विमर्श कर रही हैं. उन्होंने कहा, "हम नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद आगे बढ़ेंगे."
अपने संबोधन में, उन्होंने दोहराया कि मौजूदा सरकार ने बदहाल अर्थव्यवस्था का मजाक बना दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने में पूरी तरह से विफल रही है. बीते एक साल में गेहूं के उत्पादन में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसी तरह, चावल उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आई है.
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इस बीच, जेयूआई-एफ प्रमुख ने पार्टी के सरकार विरोधी धरने में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों को खाद्य आपूर्ति देने का फैसला किया है, जो एक सप्ताह तक चलेगी. धरना 31 अक्टूबर से जारी है. खाद्य पदार्थों में दाल, चीनी, चाय की पत्ती, क्लोरिफाइड बटर और नमक व अन्य चीजें शामिल हैं. पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, वितरण 'पार्टी के धर्मार्थ सदस्यों' द्वारा संभव हो पाया है. सोमवार को पूरे विरोध शिविर में आपूर्ति वितरित होने की उम्मीद है. रहमान 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.