
दुनिया में आतंकवादी नफरत के सबसे बड़े स्कूल पाकिस्तान ( Pakistan) का नापाक चेहरा एक बार एक बार फिर बेनकाब हुआ है. आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की नौटंकी करने वाले पाक मुंह की खानी पड़ी है. दुनियाभर में टेरर फंडिंग (Terror Financing) पर नजर रखने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की एशिया प्रशांत समूह (Asia Pacific Group, APG) ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सिक्यॉरिटी काउंसिल रेज़ॉलूशन 1267 को लागू करने में पाकिस्तान कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. कहा गया कि पाकिस्तान ने यूएन (UN) द्वारा प्रतिबंधिंत आतंकवादी हाफिज सईद (Hafiz Saeed), मसूर अजहर (Masood Azhar) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जमात उद दावा (JuD ) के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं कि है.
बता दें कि इसी महीने 13 से 18 अक्टूबर को FATF की सालाना बैठक होने वाली है. इसी बैठक में पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों की फंडिंग के मसले पर फैसला लिया जाएगा. बैठक के दौरान बैठक के दौरान पाकिस्तान एफएटीएफ को बताएगा कि उसने प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों पर काबू पाने और उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. जिसके बाद FATF एशिया प्रशांत समूह (APG) की रिपोर्ट पर भी विचार करेगी. अगर इस दौरान पाकिस्तान खरा नहीं उतरा तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.
Asia Pacific Group (APG) of the Financial Action Task Force (FATF) : Pakistan should adequately identify, assess and understand its ML (Money Laundering)/TF (Terror Financing) risks including transnational risks and risks associated with terrorist groups operating in Pakistan. https://t.co/4hxpoDimOn
— ANI (@ANI) October 7, 2019
इससे पहले पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में 18 अगस्त से 23 अगस्त के बीच एक बैठक के दौरान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में उसने आतंक पर काबू पाने के लिए अपनी 27 सूत्री कार्ययोजना के बारे में बताया था. रिपोर्ट में बैंकिंग और गैर-बैंकिंग क्षेत्राधिकार, पूंजी बाजार, ज्वैलर्स और इसी तरह की संबंधित सेवाओं के माध्यम से प्रतिबंधित संगठनों और गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया है.
बता दें कि पेरिस स्थित एफएटीएफ ने 22 जून को पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने में विफल रहने के कारण अपनी 'ग्रे' लिस्ट में रखने का फैसला किया था. वहीं भारत लगातार कोशिश कर रहा था कि पाकिस्तान का नाम ब्लैक लिस्ट में शामिल हो जाए. FATF एक अंतरसरकारी एजेंसी है जिसको 1989 में बनाया गया था. . इस वक्त तक उत्तर कोरिया और ईरान ब्लैक लिस्ट में शामिल हैं.