हांगकांग सरकार ने मांगा था यूजर्स का डाटा, फेसबुक और व्हाट्सएप का देने से इनकार

चीन का नया कानून हांगकांग में आते ही लोकतंत्र समर्थकों पर बर्बरता शुरू हो गई है. वहीं इस बीच एपीएफ न्यूज एजेंसी के हवाले से यह खबर आई है कि फेसबुक (Facebook) और वॉट्सऐप (WhatsApp) का कहना है कि हॉन्ग कॉन्ग से यूजर इन्फो रिक्वेस्ट को सस्पेंड किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग की सरकार की तरफ से उपभोक्ताओं की मांगी गई जानकारी को फेसबुक ने देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक मानवीय अधिकार है.

हांगकांग में विरोध प्रदर्शन (Photo Credits: Twitter)

चीन का नया कानून हांगकांग में आते ही लोकतंत्र समर्थकों पर बर्बरता शुरू हो गई है. वहीं इस बीच एपीएफ न्यूज एजेंसी के हवाले से यह खबर आई है कि  फेसबुक (Facebook) और वॉट्सऐप (WhatsApp) का कहना है कि हॉन्ग कॉन्ग से यूजर इन्फो रिक्वेस्ट को सस्पेंड किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग की सरकार की तरफ से उपभोक्ताओं की मांगी गई जानकारी को फेसबुक ने देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक मानवीय अधिकार है.

उन्होंने कहा कि हम लोगों की सिक्योरटी और बिना किसी परिणाम एंव बिना किसी भय के खुद को व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करते हैं. बता दें कि चीन और हांगकांग की जनता के बीच इस तनातनी जारी है. चीन अपनी बर्बरता की सारी हदे लांघता जा रहा है. अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों की आवाज को दबाने के लिए एक विवादित कानून भी लागू कर दिया है.

ANI का ट्वीट:- 

जिसमें शहर की स्वतंत्रता की मांग के लिए नारे लगाना या पोस्टर दिखाना और झंडे लहराना जैसी गतिविधियां इस कानून का उल्लंघन मानी जाएंगी भले ही हिंसा हुई हो या नहीं. हांगकांग के सार्वजनिक पुस्तकालयों में, लोकतंत्र समर्थक लोगों द्वारा लिखी गई पुस्तकों को हटा लिया गया है. वहीं अमेरिकी महावाणिज्य दूत हैन्सकम स्मिथ ने संवाददाताओं से कहा है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का इस्तेमाल मौलिक स्वतंत्रताओं को समाप्त करने और जबर्दस्ती तथा आत्म-नियंत्रण का माहौल बनाने के लिए करना हांगकांग के लिए एक त्रासदी है.

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