दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक, एलन मस्क ने रविवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन ने उन्हें अपने बदनाम द्वीप पर बुलाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने जाने से साफ इनकार कर दिया था. आपको बता दें कि एपस्टीन का यह वही द्वीप है, जहां कई महिलाओं ने अपने साथ यौन शोषण होने का आरोप लगाया था.
मस्क का यह बयान तब आया जब हाल ही में जारी हुई जेफरी एपस्टीन फाइलों में उनका नाम भी सामने आया. इन फाइलों में बिल गेट्स और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी स्टीव बैनन जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं.
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में मस्क ने लिखा, "एपस्टीन ने मुझे अपने द्वीप पर बुलाने की कोशिश की और मैंने मना कर दिया, फिर भी वे मेरा नाम प्रिंस एंड्रयू से भी पहले ले रहे हैं, जो असल में वहां गए थे." उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी इस "झूठी कहानी को फैला रहा है, वह पूरी तरह से नफरत का हकदार है".
दस्तावेजों में क्या है?
डेमोक्रेटिक सांसदों द्वारा जारी किए गए छह पन्नों के नए दस्तावेज़ में 6 दिसंबर 2014 को एलन मस्क की एपस्टीन के द्वीप पर एक संभावित यात्रा का जिक्र है. हालांकि, मस्क के नाम के आगे एक नोट भी लिखा है, जिसमें पूछा गया है, "क्या यह अभी भी हो रहा है?" इससे यह साफ नहीं होता है कि मस्क ने वाकई में यह यात्रा की थी या नहीं.
जैसे ही यह खबर सामने आई, मस्क ने तुरंत इसका खंडन करते हुए कहा, "यह झूठ है."
इन दस्तावेजों में 16 फरवरी 2019 को डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी स्टीव बैनन के साथ एक नाश्ते की योजना और 5 दिसंबर 2014 को बिल गेट्स के साथ एक संभावित नाश्ते का भी उल्लेख है.
राजनीतिक खींचतान भी जारी
डेमोक्रेटिक सांसद अमेरिकी न्याय विभाग पर सभी एपस्टीन फाइलें जारी करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया है. ट्रंप की टीम का कहना है कि कोई "क्लाइंट लिस्ट" नहीं है. यह उन अफवाहों के विपरीत है जिनमें कहा जाता रहा है कि एपस्टीन बड़े-बड़े लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था.
दिलचस्प बात यह है कि मस्क खुद भी ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते रहे हैं. उन्होंने पहले एक पोस्ट में (जो अब डिलीट हो चुका है) दावा किया था कि एपस्टीन फाइलों में ट्रंप का नाम है, और शायद इसीलिए दस्तावेजों को छुपाया जा रहा है. हालांकि, बाद में टेस्ला के सीईओ ने माना था कि उनका वह पोस्ट "हद से ज़्यादा" था.













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