डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन डीसी में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘ठगों की टोली’ करार दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने कहा कि अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन डीसी में मौजूद महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘ठगों की टोली’ करार दिया. गौरतलब है कि 25 मई को मिनियापोलिस में श्वेत पुलिकर्मी डेरेक चाउविन ने 46 वर्षीय काले फ्लॉयड को हथकड़ी लगा कर जमीन पर गिरा दिया था और उसके गले को घुटने से करीब आठ मिनट तक दबाए रखा जिससे उसकी मौत हो गई थी. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. इस क्रम में पूरे देश में तोड़फोड़़, लूटपाट और आगजनी की भी कुछ घटनाएं हुईं.
मिनीसोटा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, उन्होंने अब्राहम लिंकन की प्रतिमा को निशाना बनाया. जब उन्होंने लिंकन की प्रतिमा को निशाना बनाया तो मैंने कहा, एक मिनट रुको, यह वह व्यक्ति है और आप ऐसा कर रहे हैं, तब उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन और सभी को निशाना बनाना शुरू किया.’’ उल्लेखनीय है कि ट्रम्प 2016 में मिनिसोटा में 44 हजार मतों से हार गए थे. यह भी पढ़े: डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर नामांकन किया स्वीकार
राष्ट्रपति ने वाशिंगटन में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा का जिक्र किया जिसे अज्ञात शरारती तत्वों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान निशाना बनाया था. उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास गांधी भी थे. गांधी बस एक ही चीज चाहते हैं,वह है शांति. सही? हमारे पास शांति हैं, और उनकी प्रतिमा गिरा दी गई. हम उन्हें पसंद नहीं करते हैं मुझे नहीं लगता कि उन्हें एहसास होगा कि वे क्या कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मानता हूं कि यह महज कुछ ठगों की टोली थी. आप सच जानना चाहते हैं. मैं मानता हूं यह ठगों की टोली थी.’’ राष्ट्रपति ने अपने श्रोताओं को बताया कि उन्होंने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें ऐसे शरारती तत्वों के लिए 10 साल की कैद का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि अब को प्रतिमाओं को गिराने की बात तक नहीं करता है. भारतीय दूतावास ने नेशनल पार्क पुलिस और अमेरिकी विदेश मंत्रालय की मदद से प्रतिमा पुन: स्थापित कर दी है.
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