VIDEO: 'वे गिड़गिड़ाते हुए बोल रहे हैं, कुछ भी करेंगे सर, बस डील कर लो'...ट्रंप ने टैरिफ को लेकर दूसरे देशों का उड़ाया मजाक
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी बेबाक बयानबाज़ी से सुर्खियां बटोरी हैं. इस बार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और टैरिफ (शुल्क) को लेकर ऐसा बयान दिया है, जो न सिर्फ चर्चा का विषय बना है बल्कि कई देशों को असहज भी कर सकता है.

ट्रंप ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में कहा, “ये देश हमें कॉल कर रहे हैं… मेरी चापलूसी कर रहे हैं… वे डील के लिए तड़प रहे हैं. कह रहे हैं- ‘प्लीज़ सर, एक डील कर लीजिए. हम कुछ भी करेंगे सर.’”

उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह टैरिफ को अमेरिकी ताकत का हथियार बताते हुए दावा कर रहे हैं कि अन्य देश अमेरिका से व्यापारिक समझौते के लिए ‘गिड़गिड़ा’ रहे हैं.

क्या है टैरिफ का मुद्दा?

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति ने कई देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं, खासकर चीन, जापान, भारत जैसे देशों पर. ट्रंप का मानना है कि टैरिफ लगाने से अमेरिकी उद्योगों को फायदा होता है और विदेशी कंपनियों पर दबाव पड़ता है.

ट्रंप ने किन देशों पर और कितना टैरिफ लगाया है?

  • भारत: 26% टैरिफ. भारत पर यह दर अन्य एशियाई देशों की तुलना में कम है, जिसे कुछ लोग भारत-अमेरिका संबंधों या बातचीत के अवसर के रूप में देखते हैं.
  • चीन: 104% टैरिफ. यह पहले कार्यकाल में लगाए गए शुल्कों के अतिरिक्त है, जो चीन को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकता है.
  • वियतनाम: 46% टैरिफ. यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सबसे ऊँची दरों में से एक है.
  • कंबोडिया: 49% टैरिफ. यह सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है.
  • बांग्लादेश: 37% टैरिफ.
  • पाकिस्तान: 29% टैरिफ.
  • इंडोनेशिया: 32% टैरिफ.
  • ताइवान: 32% टैरिफ.
  • जापान: 24% टैरिफ.
  • दक्षिण कोरिया: 25% टैरिफ.
  • यूरोपीय संघ (EU): 20% टैरिफ.
  • कनाडा और मैक्सिको: कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इन्हें छूट दी गई है, लेकिन ड्रग्स और अवैध व्यापार से जुड़े मामलों में 25% टैरिफ की बात कही गई है.
  • वेनेजुएला से तेल आयात करने वाले देश: 25% अतिरिक्त टैरिफ, जो 2 अप्रैल 2025 से लागू होगा. यह भारत जैसे देशों को प्रभावित कर सकता है.

भाषा पर उठ रहे सवाल

हालांकि, ट्रंप के इस बयान को लेकर कई देशों के राजनयिक हलकों में नाराज़गी देखी जा रही है. ट्रंप की भाषा को "अनुचित", "अपमानजनक" और "राजनयिक मर्यादा के खिलाफ" बताया जा रहा है. विशेष रूप से “kissing my a*s” जैसी अभद्र भाषा को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते? क्या यह अमेरिका की विश्वसनीयता को कम नहीं करते?