शीर्ष डेमोक्रेटिक सीनेटर कमला हैरिस (Kamala Harris) ने इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका की यात्रा पर आए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) के भारतीय अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल (Pramila Jayapal) से नहीं मिलने के फैसले को लेकर उनकी निंदा की है. हैरिस ने ट्वीट किया, "किसी अन्य देश की सरकार का संसद को यह बताना गलत है कि कैपिटोल हिल बैठकों में किन सदस्यों को बैठने की अनुमति है." भारतीय मूल की पहली अमेरिकी सीनेटर हैरिस ने कहा कि वह जयपाल के समर्थन में खड़ी हैं. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि सदन में जयपाल के साथी भी उनके समर्थन में खड़े हैं."
उल्लेखनीय है कि वाशिंगटन पोस्ट में आई एक खबर में कहा गया था कि जयशंकर ने प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि इस बैठक में अन्य सांसदों के साथ जयपाल भी शामिल होने वाली थीं. इससे पहले, अमेरिकी सीनेटर और राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने की दावेदार एलिजाबेथ वारेन ने शुक्रवार को कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी केवल तभी सफल होगी जब सच्ची वार्ता और धार्मिक बहुलतावाद, लोकतंत्र और मानवाधिकार के प्रति साझा सम्मान उसका आधार हों.
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उन्होंने कहा कि सांसद प्रमिला जयपाल को चुप कराने की कोशिश बहुत ही विचलित करने वाली है. जयपाल ने अमेरिकी संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव लाकर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद वहां लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया था. जयशंकर ने गुरुवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि इस महीने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था, "मैं उस प्रस्ताव से अवगत हूं. मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया. भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है और मुझे (जयपाल से) मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है." इस बीच, जयपाल ने उन्हें समर्थन देने के लिए सीनेटर हैरिस और वारेन को धन्यवाद दिया.