Covid Booster Dose: कोविड बूस्टर डोज लेने में हिचक रही जनता, इससे चिंतित बंगाल सरकार

कोविड-19 के ताजा डर के बीच पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग बूस्टर वैक्सीन की खुराक के प्रति लोगों की अनिच्छा से चिंतित है. आंकड़े बताते हैं कि कैसे पहली खुराक के लिए जनता की ईमानदारी दूसरी खुराक के लिए मामूली रूप से कम हो गई और अंत में बूस्टर खुराक के मामले में शून्य हो गई.

COVID-19 Booster Dose (Photo Credit Twitter)

कोलकाता, 6 जनवरी : कोविड-19 (COVID 19) के ताजा डर के बीच पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग बूस्टर वैक्सीन (Booster Vaccine) की खुराक के प्रति लोगों की अनिच्छा से चिंतित है. आंकड़े बताते हैं कि कैसे पहली खुराक के लिए जनता की ईमानदारी दूसरी खुराक के लिए मामूली रूप से कम हो गई और अंत में बूस्टर खुराक के मामले में शून्य हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सात करोड़ से अधिक लोगों ने पहली खुराक ली, जो दूसरी खुराक के लिए कम रही. बूस्टर डोज के मामले में यह संख्या घटकर महज 1.5 करोड़ रह गई.

हालांकि शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अरिंदम बिस्वास इस मामले में केवल जनता की अनिच्छा को दोष नहीं देना चाहते हैं. एक प्रमुख कारण है जिसने इस अनिच्छा को प्रेरित किया और इसका कारण आर्थिक है. पहली दो खुराक के विपरीत तीसरी और बूस्टर खुराक के लिए पैसे लिए जा रहे हैं, ऐसे में दो जून की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे लोगों ने बूस्टर डोज से दूर रहना ही पसंद किया. यह भी पढ़ें : Covid-19 XBB.1.5 Variant: भारत में कोरोना वायरस के एक्सबीबी.1.5 स्वरूप के मामलों की संख्या बढ़कर सात हुई

विश्वास ने कहा, अब नेजल वैक्सीन की बात आती है, सरकार ने इसे बहुत देर से पेश किया, और वह भी केवल निजी अस्पतालों तक ही इसकी आपूर्ति को सीमित कर दिया है. ऐसा लगता है कि लोगों में जागरूकता पैदा करने का सरकार का अभियान भी कम है. इसलिए, मेरी राय में, अगर सरकार वास्तव में उत्सुक है कि लोगों को तीसरी खुराक मुफ्त में उपलब्ध करानी चाहिए.

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