COVID की चपेट में पूरी दुनिया है. इस वायरस के कारण जहां लोगों की जान गई, वहीं आर्थिक तौर पर भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. दरअसल कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर देश में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. यहां तक कि लॉकडाउन लगा दिया गया. जिसके कारण लोग अपने घरों में सीमित हो गए और दफ्तर, दूकान, , मॉल, फूड फैक्ट्री, समेत लगभग सब बंद था. जिसके कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं अब इसका असर लोगों की नौकरियों पर पड़ता नजर आ रहा है. इसी कड़ी में ब्रिटेन की बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनी मार्क्स एंड स्पेंसर ने नौकरी में कटौती करने का फैसला लिया है.
वहीं इस फैसले के पीछे प्रबंधन का कहना है कि अधिक अनुकूल प्रबंधन संरचनाओं की स्थापना करना नौकरी में कटौती का उद्देश्य था. उन्होंने कहा "संकट के माध्यम से हमने देखा कि कैसे हम स्टोर टीमों को सशक्त बनाकर तेजी से और अधिक बेहतर ढंग से काम कर सकते हैं. फैसले से पहले इस विषय पर चर्चा की गई, जिसके बाद बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनी मार्क्स एंड स्पेंसर ने 950 लोगों की कटौती करने का फैसला लिया है. इस दौरान माना कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन में एम एंड एस के खाद्य भंडार खुले थे, लेकिन व्यापार के अन्य हिस्सों में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ.
गौरतलब कोरोना वायरस के कारण ऊबर, जोमैटो और स्वीगी जैसी तकनीकी आधारित कंपनियों ने छंटनी की घोषणा पहले ही कर चुके है. जोमैटो ने अपने 4,000 कर्मचारियों में 13 प्रतिशत की छंटनी की है, जबकि स्वीगी ने कहा है कि वह दुनिया भर में 3,000 लोगों की छंटनी करने की बात कही थी. इसी तरह ऊबर भी दुनिया भर में 3,000 लोगों की छंटनी करने का फैसला ले चुकी है.