Covid-19 : अमीर देशों के साथ ही कम आय वाले देशों में भी उभरीं चिंता की लकीरें
कोरोनावायरस (Photo Credits: Unsplash)

पेरिस: एक ओर जहां यूरोप और अमेरिका कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (Covid-19 pandemic) पर लगाम लगाने के लिए जूझ रहे हैं वहीं सहायता समूहों ने आगाह किया है कि उचित कदम न उठाने पर कम आय वाले देशों और सीरिया तथा यमन जैसे युद्धग्रस्त देशों में लाखों लोग जान गंवा सकते हैं जहां साफ-सफाई की स्थिति पहले से ही बदतर है. चीन में पिछले साल दिसंबर में सामने आए कोविड-19 के मामलों से दुनियाभर में करीब 580,0000 लोग संक्रमित हैं तथा 26,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

अफ्रीकी संघ के अनुसार, अफ्रीका में आधिकारिक संख्या अब भी कम है. वहां शुक्रवार तक 83 लोगों की मौत हुई और 3200 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए. इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी (आईआरसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘शरणार्थी, अपने घरों से विस्थापित हुए परिवार और संकटग्रस्त इलाकों में रह रहे लोग इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होंगे.’’ यह भी पढ़ें: Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन का उल्लंघन, दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा के पास गाजीपुर इलाके में उमड़ी लोगों की भारी भीड़

आईआरसी की मिस्टी बुसवेल ने कहा कि युद्धग्रस्त सीरिया में विद्रोहियों के अंतिम गढ़ इदलिब प्रांत जैसे इलाके खतरे में हैं जहां इस महामारी के फैलने से पहले ही मानवीय संकट है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने आगाह किया कि दुनियाभर में तीन अरब लोगों की पानी और साबुन तक पहुंच नहीं है जो इस संक्रामक रोग के खिलाफ रक्षा के मूल हथियार हैं. यमन में इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव का सबसे प्रभावी तरीका बार-बार हाथ धोना है लेकिन यमन की आधी से अधिक आबादी का क्या जिनके पास स्वच्छ पानी तक नहीं है?’’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी, ‘‘अगर हम कोरोना वायरस को जंगल की आग की तरह फैलने देंगे तो दुनिया के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में लाखों लोग मारे जाएंगे.’’ लॉकडाउन करने और संक्रमित लोगों को पृथक रखना उन देशों में मुश्किल होगा जहां सामाजिक सुरक्षा संबंधी उपायों का अभाव होने से लोग काम करने को विवश होंगे. यह भी पढ़ें: Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन के चलते पलायन को बेहस हुए सैकड़ों लोग, राहुल गांधी ने की उन्हें रास्ते में खाना-पानी, आसरा और मदद देने की अपील

इस बीच, दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के 146 नए मामले सामने आए तथा पांच और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित लोगों की संख्या 9,478 हो गई और 144 लोग जान गंवा चुके हैं. दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने बताया कि शनिवार तक 4,811 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है. ज्यादातर 71 नए मामले इस विषाणु से सबसे अधिक प्रभावित दाएगू शहर से सामने आए. ब्रूनेई में 64 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है. तेल संपन्न इस देश में कोरोना वायरस से मौत का यह पहला मामला है.

ब्रूनेई में मलेशिया में एक धार्मिक सभा से उसके दर्जनों नागरिकों के लौटने के बाद से 115 मामले सामने आए हैं. वहीं, सीरिया के राष्ट्रपति और संयुक्त अरब अमीरात के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक ने शुक्रवार को फोन पर बात की जो अरब देशों के साथ दमिश्क के तनावपूर्ण संबंधों में नरमी का संकेत हैं. आधिकारिक अमीराती समाचार एजेंसी ने बताया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद और अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के प्रयासों पर चर्चा की तथा इससे लड़ने के लिए एहतियाती कदमों की समीक्षा की.