दक्षिण चीन सागर में चीनी और फिलीपीनी जहाजों की टक्कर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दक्षिणी चीन सागर में फिलीपीन और चीन के जहाजों की टक्कर के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. चीन ने फिलीपीनी जहाज पर जानबूझकर टक्कर मारने का आरोप लगाया है.दक्षिण चीन सागर में सोमवार तड़के विवादित सेकेंड थॉमस शोल के पास चीनी और फिलीपीनी जहाजों की टक्कर हो गई, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से जारी तनाव और बढ़ गया है. यह घटना उस क्षेत्र में हाल के महीनों में हुई कई झड़पों में से एक है, जो क्षेत्रीय विवादों का केंद्र बना हुआ है.

चीन की सरकारी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, चीनी तट रक्षक जहाज 21551 और फिलीपीनी जहाज 4410 की टक्कर स्थानीय समयानुसार सुबह 3:24 बजे हुई. चीनी अधिकारियों ने दावा किया है कि फिलीपीनी जहाज ने कई चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए जानबूझकर टक्कर मारी. चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने चीन तट रक्षक प्रवक्ता गेंग यू के हवाले से कहा कि फिलीपीनी जहाज ने "गैर-पेशेवर और खतरनाक तरीके" से काम किया.

"अस्थायी व्यवस्थाओं का उल्लंघन"

चीन सरकार ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा है कि फिलीपीनी जहाजों ने जियानबिन रीफ के पास, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबीना शोल के नाम से जाना जाता है, चीनी जलक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश किया था. उसके मुताबिक टक्कर उस समय हुई जब चीनी तट रक्षक समुद्री कानूनों का पालन करवा रहा था. गेंग यू ने कहा कि फिलीपीनी कार्रवाई "अस्थायी व्यवस्थाओं" का उल्लंघन है और आगे उकसावे की स्थिति में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.

चीनी तट रक्षक ने सोशल मीडिया पर घटना का एक छोटा वीडियो भी जारी किया, जिसमें टक्कर से पहले की स्थिति दिखाई गई है. वीडियो में समय और जहाजों की पहचान के संकेतक लगे हुए हैं, जो बीजिंग के दावों का समर्थन करते हैं कि फिलीपीनी जहाज ने चेतावनियों की अनदेखी की थी. इस वीडियो को चीन में व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है.

सबीना शोल के पास टक्कर के बाद, चीनी अधिकारियों ने बताया कि वही फिलीपीनी जहाज बाद में सेकेंड थॉमस शोल के पास पहुंचा, जो पहले से ही तनाव का केंद्र रहा है. सेकेंड थॉमस शोल पर फिलीपीनी नौसेना का जहाज बीआरपी सिएरा माद्रे मौजूद है, जिसमें दो दशकों से अधिक समय से फिलीपीनी मरीन की एक छोटी टुकड़ी तैनात है. चीन ने इस चौकी तक फिलीपीनी सप्लाई को बार-बार रोकने की कोशिश की है, जिससे फिलीपीनी तट रक्षक के साथ अक्सर टकराव होते रहते हैं.

दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावे कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ विवाद का कारण बने हुए हैं. 2016 में द हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने फैसला सुनाया कि चीन के दावों का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कोई कानूनी आधार नहीं है. हालांकि, बीजिंग ने इस फैसले को लगातार खारिज किया है और क्षेत्र में अपना प्रभुत्व कायम रखने की कोशिश जारी रखी है.

आक्रामक हुआ है फिलीपींस

फिलीपीनी सरकार ने टक्कर पर अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और फिलीपीनी तट रक्षक से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका है. हालांकि, इस घटना से मनीला और बीजिंग के बीच पहले से जारी तनाव और बढ़ने की संभावना है. फिलीपींस ने हाल के वर्षों में अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर अधिक आक्रामक रुख अपनाया है, खासकर दक्षिण चीन सागर में चीनी कार्रवाइयों के जवाब में.

यह घटना उस समय हुई है जब चीन और फिलीपींस ने सेकेंड थॉमस शोल क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए कुछ हफ्ते पहले एक अस्थायी समझौता किया था. हालांकि, चीनी तट रक्षक जहाजों की मौजूदगी और उनके आक्रामक कदमों पर पश्चिमी देशों ने कड़ी आलोचना की है, जो बीजिंग पर अपने क्षेत्रीय दावों को लागू करने के लिए डराने-धमकाने के आरोप लगाते हैं.

दक्षिण चीन सागर में स्थिति अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है, और दोनों देशों के दावों को लेकर आगे टकराव का जोखिम बढ़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका और उसके सहयोगी, इस घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि कोई भी बढ़ा हुआ तनाव क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)