चीन ने 24 घंटे बाद किया 35 मौतों का खुलासा

चीन में 35 लोगों की जान चली गई लेकिन इसकी जानकारी को सार्वजनिक करने में अधिकारियों ने 24 घंटे लगा दिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

चीन में 35 लोगों की जान चली गई लेकिन इसकी जानकारी को सार्वजनिक करने में अधिकारियों ने 24 घंटे लगा दिए. सोशल मीडिया पर इस संबंध में लिखी गई पोस्ट भी हटा दी गईं.चीन के शीर्ष नेता, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली च्यांग ने जुहाई में हुए कार हमले के बाद तुरंत जांच और घायलों की देखभाल के आदेश दिए हैं. इस हमले में 35 लोगों की मौत हो गई और 43 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

इस घटना को चीन के हाल के इतिहास में सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है. हमले के बाद सोशल मीडिया पर चीनी समाज में बढ़ते हिंसक रुझानों पर उठे सवालों को सेंसर कर दिया गया.

यह हादसा सोमवार शाम हुआ, जब 62 वर्षीय ड्राइवर फैन ने खेल परिसर के गेट को तोड़कर अंदर मौजूद लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी. पुलिस के अनुसार, फैन अपनी तलाक संबंधी संपत्ति के बंटवारे से नाराज था और इसी कारण उसने ये कदम उठाया.

देर से खुलासा और जनता की प्रतिक्रिया

अधिकारियों ने घटना के करीब 24 घंटे बाद इस हमले की जानकारी दी. पहले जारी बयान में केवल घायलों का जिक्र किया गया था, जबकि मरने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हुए, लेकिन इन्हें जल्द ही हटा दिया गया.

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस हमले पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए घायलों की देखभाल और पूरी जांच के आदेश दिए. उन्होंने अधिकारियों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा. प्रधानमंत्री ली च्यांग ने भी सभी सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने पर जोर दिया.

यह हमला चीन में एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जहां आमतौर पर सार्वजनिक सुरक्षा पर गर्व किया जाता है. हालांकि, हाल के महीनों में चीन के बड़े शहरों में हिंसक घटनाओं की संख्या बढ़ी है. इसी साल बीजिंग में चाकू से हमला हुआ, जिसमें पांच लोग घायल हुए थे. इसके अलावा शेनजेन में एक जापानी छात्र की हत्या कर दी गई थी. इसी साल जुलाई में चांग्शा में एक वाहन ने पैदल चल रहे लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई. पिछले साल एक किंडरगार्टन में चाकू से हुए हमले में छह लोगों की मौत हुई थी.

इस हमले को चीन के सबसे बड़े हमलों में से एक माना जा रहा है. 2014 में कुनमिंग में रेलवे स्टेशन पर चाकू हमले में 31 लोग मारे गए थे और उरुमकी में बम हमले में 43 लोगों की जान चली गई थी.

एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "सोचिए अगर चीन में बंदूकें होतीं, तो लोग एक-दूसरे को मार रहे होते." यह पोस्ट जल्द ही हटा दी गई.

सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास और प्रतिबंधित स्मारक

घटना के बाद अधिकारियों ने खेल परिसर के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी. मंगलवार रात स्थानीय निवासियों ने पीड़ितों के सम्मान में फूल और मोमबत्तियां रखीं, जिन्हें बुधवार सुबह तक हटा दिया गया. कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने लोगों को वहां फोटो या वीडियो लेने से रोका.

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सुझाव दिया कि सार्वजनिक स्थानों पर पत्थरों की बैरिकेड्स लगाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. कुछ ने स्मार्ट-ड्राइविंग तकनीक को बढ़ावा देने की बात भी कही, जिससे गाड़ी खुद ही रुक जाए.

इस हमले के बाद चीन में जापान के दूतावास ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है. हालांकि, इस घटना में किसी जापानी नागरिक के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इसी साल सितंबर में शेनजेन में एक जापानी छात्र की हत्या के बाद जापान ने अपने नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई थी.

वीके/सीके (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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