बदहाल पाकिस्तान को फिर मिला चीन का सहारा, आर्थिक संकट में साथ देने का वादा

कंगाली से जूझ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान को चीन ने एक बार फिर सहारा दिया है. यह जानकारी बुधवार को पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने दी. पाक वित्त मंत्री असद उमर ने बताया कि चीन ने सहायता पैकेज के जरिए देश की वित्तीय समस्या को दूर करने में उच्चस्तरीय मदद करने का वादा किया है.

(Photo Credit-PTI)

नई दिल्ली: कंगाली से जूझ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान को चीन ने एक बार फिर सहारा दिया है. यह जानकारी बुधवार को पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने दी. पाक वित्त मंत्री असद उमर ने बताया कि चीन ने सहायता पैकेज के जरिए देश की वित्तीय समस्या को दूर करने में उच्चस्तरीय मदद करने का वादा किया है. हालांकि चीन ने दी गई मदद पर साफ तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल में आर्थिक पैकेज मांगने के इरादे से चीन की यात्रा की थी और असद उमर इमरान खान के साथ चीन गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. पाक के वित्त मंत्री ने बताया कि आर्थिक संकट में सऊदी अरब और चीन उनकी मदद कर रहा है.

एक तरफ चीन जहां पाकिस्तान को आर्थिक मदद की राशि बताने से इनकार कर रहा है वहीं हाल ही में चीन की यात्रा से लौटे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्री ने चीन के शीर्ष नेताओं के साथ हुई बातचीत को बेहद सफल बता रहे हैं.

पाक ने कहा खत्म हो रहा है वित्तीय संकट

पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने बताया कि पाकिस्तान को करीब 12 अरब डॉलर की मदद की जरूरत थी, जिनमें से 6 हमें सऊदी अरब दे रहा है, बाकी चीन लोन के रूप में देने को सहमत हो गया है. इस मदद से पाकस्तान का नकदी संकट खत्म हो गया है. यह भी पढ़ें- कंगाल पाकिस्तान को दी जानेवाली मदद का खुलासा करने से चीन का इनकार

चीन ने कहा हम पाकिस्तान के साथ

चीनी विदेश मंत्री ने पाक को दी गई इस आर्थिक मदद के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'पाकिस्तान चीन का सदाबहार पार्टनर है. दोनों के रिश्ते काफी अच्छे हैं. हम अपनी तरफ से हरसंभव मदद पाकिस्तान को देंगे. अगर आने वाले वक्त में भी पाकिस्तान को जरूरत हुई तो आर्थिक और बाकी मोर्चों पर हम उसके साथ हैं.'

गौरतलब हो कि इमरान खान दो नवंबर से पांच नवंबर की चीन यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से मिले थे. इमरान की यह यात्रा पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबरने में मदद की मांग करने के लिए थी.

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