चीन ने पाकिस्तान को सैन्य सामान भेजने की खबरों को बताया झूठ; अफवाह फैलाने वालों को दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
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बीजिंग: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच एक बड़ी अफवाह ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी कि चीन का सबसे बड़ा सैन्य मालवाहक विमान पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है. अब चीन ने इन खबरों को झूठा और भ्रामक बताते हुए सख्त लहजे में खंडन किया है. चीनी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आधिकारिक बयान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स (PLAAF) ने स्पष्ट किया कि उनका Xi'an Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पाकिस्तान को न तो कोई सैन्य सामान और न ही कोई अन्य सामग्री लेकर गया है.

उन्होंने इन दावों को “बेबुनियाद और अफवाह” करार दिया. PLAAF ने उन तस्वीरों और रिपोर्टों के स्क्रीनशॉट भी साझा किए, जिनमें इस दावे को फैलाया गया था. हर तस्वीर पर उन्होंने लाल रंग में “अफवाह” की मुहर लगाई.

"इंटरनेट कानून से परे नहीं" अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी

PLA ने अपने बयान में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "इंटरनेट कानून से ऊपर नहीं है. जो लोग सैन्य मामलों से जुड़ी झूठी खबरें फैलाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी." इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि चीन इस मामले को लेकर गंभीर है और अपनी छवि को धूमिल होने से रोकना चाहता है.

क्यों था यह आरोप अहम?

चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत रक्षा संबंध हैं. 2020 से 2024 के बीच चीन ने पाकिस्तान को 81% हथियारों की आपूर्ति की है. यह जानकारी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में दी गई थी.

इस आपूर्ति में शामिल हैं:

  • फाइटर जेट्स
  • मिसाइल सिस्टम
  • रडार
  • नौसेना पोत
  • पनडुब्बियां

इसके अलावा, चीन और पाकिस्तान JF-17 लड़ाकू विमान का संयुक्त निर्माण भी करते हैं, जो पाकिस्तान वायुसेना की रीढ़ माना जाता है. इसी वजह से, जब Y-20 विमान के पाकिस्तान जाने की खबरें सामने आईं, तो भारत में चिंताएं बढ़ीं.

ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक संघर्ष

चीन का यह खंडन ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में एक संघर्षविराम समझौता हुआ है. इससे पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर नौ सटीक हवाई हमले किए थे. ये कार्रवाई 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी.