चीन ने न्यूजीलैंड की जासूसी रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

न्यूजीलैंड में जारी ताजा रिपोर्ट में चीन का नाम सीधे तौर पर लिए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूजीलैंड में चीन की दखलअंदाजी बढ़ रही है.न्यूजीलैंड की सुरक्षा खुफिया सेवा (एनजेडएसआईएस) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में चीन को "जटिल खुफिया चिंता" बताया है. इस रिपोर्ट में न्यूजीलैंड में चीन समर्थित संगठनों द्वारा विदेशी हस्तक्षेप और गुप्त गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.

इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद न्यूजीलैंड और चीन के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है. इन आरोपों के जवाब में, न्यूजीलैंड में चीनी दूतावास ने रिपोर्ट को "पूरी तरह से बेबुनियाद" और "कल्पना का अंश या पूरी तरह से मनगढ़ंत" करार दिया.

दूतावास ने जोर देकर कहा कि चीन न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है और अमेरिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि बाहरी ताकतें दोनों देशों के रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं.

क्या कहती है रिपोर्ट

चीन के ऊपर बहुत से देश जासूसी के आरोप लगा चुके हैं. जर्मनी ने एक ही दिन पहले चीन पर साइबर हमले का आरोप लगाया था. एनजेडएसआईएस की रिपोर्ट में जिस तरह चीन का नाम स्पष्ट रूप से लिया गया है, वह असामान्य है. रिपोर्ट में चीन से जुड़े विदेशी हस्तक्षेप प्रयासों को "जटिल और छलपूर्ण" बताया गया.

इसमें बताया गया कि कैसे बीजिंग ने स्थानीय समूहों से जुड़ने के लिए स्थानीय संगठनों का इस्तेमाल किया, जो असली समुदायों की आवाजों को दबाकर पार्टी की विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहे थे.

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रिपोर्ट में एक चीनी-भाषा की सामुदायिक मीडिया का उदाहरण दिया गया है, जिसने कथित तौर पर चीन सरकार के दृष्टिकोणों का समर्थन किया. एनजेडएसआईएस के अनुसार, ये फ्रंट संगठन आमतौर पर सामुदायिक संगठनों के रूप में दिखाई देते हैं, लेकिन उनकी असली संबद्धता और फंडिंग के स्रोत छिपे होते हैं.

रिपोर्ट कहती है, "नाम के लिए बनाए गए ये संगठन अक्सर सामुदायिक संगठन की तरह दिखते हैं... लेकिन उनकी असली संबद्धता, दिशा और धन के स्रोत छिपे होते हैं." रिपोर्ट में चीन के हस्तक्षेप को अन्य देशों की तुलना में अधिक जटिल और धोखेबाजी से भरा बताया गया है.

चीन का जवाब

न्यूजीलैंड में चीन के दूतावास ने रिपोर्ट का कड़ा खंडन किया है और इसे चीनी प्रवासी और छात्रों को बदनाम करने की साजिश बताया. दूतावास के प्रवक्ता ने रिपोर्ट के निष्कर्षों को "बेहद गैर-जिम्मेदाराना, लापरवाह और चीनी समुदाय के लिए अन्यायपूर्ण" कहा. दूतावास ने एनजेडएसआईएस पर समुदायों के बीच फूट डालने और डर फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया.

साथ ही, दूतावास ने संकेत दिया कि अमेरिका जैसे बाहरी ताकतें न्यूजीलैंड की विदेश नीति को प्रभावित कर रही हैं. हाल ही में न्यूजीलैंड की दक्षिणपंथी सरकार पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों, जैसे अमेरिका, के करीब जा रही है.

बदलती विदेश नीति और बढ़ती चिंताएं

हाल के वर्षों में न्यूजीलैंड की सरकार ने चीन के प्रति अपने रुख में बदलाव किया है, खासकर प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के नेतृत्व में. हालांकि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं. चीन न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है लेकिन लक्सन ने स्पष्ट किया है कि इस रिश्ते के कुछ जटिल पहलू भी हैं.

लक्सन ने हाल ही में कहा, "चीन एक प्रभावशाली देश है, लेकिन कुछ मुद्दों पर हमारे और उनके विचार अलग हैं, और हम सहमत नहीं हो सकते." प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के मूल्यों में अंतर का भी जिक्र किया और जोर देकर कहा कि न्यूजीलैंड को इन मुद्दों पर मजबूती से खड़ा रहना होगा.

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एनजेडएसआईएस की रिपोर्ट ने ना केवल चीन से बल्कि अन्य देशों से भी विदेशी हस्तक्षेप की चिंताओं को उजागर किया है. रिपोर्ट में 2021 के साइबर हमले का भी जिक्र किया गया, जिसे न्यूजीलैंड सरकार ने चीनी राज्य-प्रायोजित समूह से जोड़ा था. इस साइबर हमले ने सरकारी कंप्यूटर प्रणालियों को निशाना बनाया था, जिसे चीन ने खारिज करते हुए आलोचकों पर अमेरिका के प्रभाव में होने का आरोप लगाया था.

न्यूजीलैंड की भौगोलिक स्थिति

एनजेडएसआईएस की रिपोर्ट में न्यूजीलैंड की प्रशांत महासागर में स्थिति को विदेशी हस्तक्षेप के लिए संवेदनशील बताया गया. रिपोर्ट में कहा गया कि कई देश, जिनमें चीन और रूस भी शामिल हैं, इस क्षेत्र में अधिक प्रभाव के लिए प्रयासरत हैं.

एनजेडएसआईएस के सुरक्षा निदेशक, एंड्रयू हैम्पटन ने बताया कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य जनता को डराना नहीं है. उन्होंने कहा, "इसका उद्देश्य किसी को डराना नहीं है, बल्कि न्यूजीलैंडवासियों को इन खतरों से सचेत करना है ताकि हम मिलकर इनसे निपट सकें."

रिपोर्ट में एक उदाहरण दिया गया जिसमें एक अनाम देश ने न्यूजीलैंड की एक स्थानीय परिषद से संपर्क कर एक सामुदायिक कार्यक्रम के लिए धन की पेशकश की, बशर्ते एक विशेष धार्मिक समूह को इसमें शामिल होने से रोका जाए. इस उदाहरण ने रिपोर्ट में विदेशी हस्तक्षेप की व्यापक चिंताओं को और मजबूत किया.

चीन के साथ आर्थिक संबंध अभी भी मजबूत

बढ़ते कूटनीतिक तनावों और सुरक्षा चिंताओं के बावजूद, चीन न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है. दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं, जिसमें न्यूजीलैंड चीन को डेयरी, मांस और लकड़ी जैसे उत्पाद निर्यात करता है. यह व्यापार 13.2 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है.

हालांकि न्यूजीलैंड की विदेश नीति पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों की ओर झुक रही है, लेकिन चीन के साथ आर्थिक संबंध अभी भी महत्वपूर्ण बने हुए हैं. प्रधानमंत्री लक्सन ने बार-बार चेतावनी दी है कि केवल आर्थिक हित न्यूजीलैंड की सुरक्षा और मूल्य-आधारित मुद्दों पर रुख को निर्धारित नहीं कर सकते.

इस साल की शुरुआत में, लक्सन ने कहा था कि न्यूजीलैंड अब अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण मिलने वाले "शानदार अलगाव" पर निर्भर नहीं रह सकता. उन्होंने संकेत दिया कि देश को विदेशी हस्तक्षेप और साइबर खतरों के प्रति सतर्क रहना होगा.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)