कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले, क्या इसमें वैक्सीन का भी हाथ? अमेरिकी डॉक्टरों ने शुरू की जांच
क्या कोविड-19 महामारी के बाद से दुर्लभ और घातक कैंसर के मामलों में अचानक बढ़ोतरी कोविड से जुड़ी है? अमेरिका में डॉक्टर और वैज्ञानिक एक चौंकाने वाले सवाल का जवाब ढूंढने में जुटे हैं.
अमेरिका में डॉक्टर और वैज्ञानिक एक चौंकाने वाले सवाल का जवाब ढूंढने में जुटे हैं: क्या कोविड-19 महामारी के बाद से दुर्लभ और घातक कैंसर के मामलों में अचानक बढ़ोतरी कोविड से जुड़ी है? यह चिंताजनक सवाल तब उठा जब कई डॉक्टरों ने अपने मरीजों में COVID और कैंसर के बीच एक संभावित संबंध देखा. वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इन डॉक्टरों ने मिलकर शोध करने और अपने निष्कर्षों को साझा करने का फैसला किया है.
क्या है कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी का कारण?
महामारी शुरू होने के बाद से, आक्रामक कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं. कुछ डॉक्टरों का मानना है कि यह स्वास्थ्य सेवा व्यवधानों के कारण हुआ है. महामारी के दौरान, कई अस्पतालों ने कैंसर के मरीजों को दूर रखा और वायरस के डर से कैंसर का पता लगाने में देरी हुई. लेकिन अमेरिकी डॉक्टर अब फेडरल सरकार से इस शोध को प्राथमिकता देने का आग्रह कर रहे हैं. इस शोध के निष्कर्षों का कैंसर के इलाज और बीमारी के प्रबंधन पर आने वाले दशकों तक प्रभाव पड़ सकता है.
डॉक्टर्स क्या देख रहे हैं?
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के एक जेनेटिक्स और इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट, डगलस सी. वालस ने कहा, "हम इस वायरस की पूरी तरह जांच नहीं कर रहे हैं." अमेरिका में कोरोनावायरस की पहली लहर के दौरान, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था. "द लांसेट ऑन्कोलॉजी" में छपे एक पेपर में राष्ट्रीय रजिस्ट्री का विश्लेषण किया गया था, जिसमें 2020 के अंत में कई प्रकार के कैंसर में चौथे चरण (सबसे गंभीर चरण) में बढ़ोतरी पाई गई थी. बैपटिस्ट हेल्थ मियामी कैंसर इंस्टीट्यूट और यूसी सैन डिएगो हेल्थ जैसे बड़े संस्थानों ने भी डेटा जारी किया है जो देर से पता लगाए गए कैंसर में लगातार बढ़ोतरी दिखाता है.
दक्षिण कैरोलिना के एक ऑन्कोलॉजिस्ट और कैरोलिना ब्लड एंड कैंसर केयर एसोसिएट्स के सीईओ, काश्याप पटेल ने कहा, "मैं 23 साल से पेशे में हूँ और ऐसा कुछ कभी नहीं देखा." COVID के बाद उन्होंने कैंसर के मामलों में जो बढ़ोतरी देखी है, वो बहुत चिंताजनक है.
पटेल इन रुझानों का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय रजिस्ट्री की वकालत कर रहे हैं और उन्होंने पहले ही अपने अपने दर्दीयों का डेटा इकट्ठा कर लिया है. यह डेटा असामान्य कैंसर और लॉन्ग COVID के बीच एक संभावित संबंध दर्शाता है.
क्या COVID वैक्सीन भी ज़िम्मेदार है?
इस बीच, अन्य अध्ययन COVID से मरने वाले कैंसर के मरीजों के जीन प्रोफाइल की जांच कर रहे हैं, साथ ही यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या वायरस चूहों में सुषुप्त कैंसर कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर सकता है.
यह शोध एक नए अध्ययन के बाद हुआ है जो सुझाव देता है कि COVID वैक्सीन आंशिक रूप से पिछले तीन सालों में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में "अभूतपूर्व" अतिरिक्त मृत्यु में योगदान दे सकता है.
नीदरलैंड के व्रीजे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 47 पश्चिमी देशों के मृत्यु डेटा का विश्लेषण किया. और पाया कि 2020 से अतिरिक्त मृत्यु "उच्च बनी हुई है", यहां तक कि COVID वैक्सीन के व्यापक रोलआउट और विभिन्न रोकथाम उपायों के बावजूद.
बीएमजे पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने COVID के बाद कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर "गंभीर चिंताएं" व्यक्त की हैं. उन्होंने सरकारी नेताओं और नीति निर्माताओं से "लगातार अतिरिक्त मृत्यु के अंतर्निहित कारणों की पूरी तरह जांच करने" का आग्रह किया है.