
Bangladesh Interim Government Crisis: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन दिनों गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रही है. देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के इस्तीफे की चर्चाएं ज़ोर पकड़ रही हैं. यूनुस ने संकेत दिए हैं कि वर्तमान हालात में उनके लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा है और वह पद छोड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
क्या है इस्तीफे की वजह?
बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र नेता और नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख नाहिद इस्लाम ने बताया कि यूनुस ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि राजनीतिक दलों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पा रही है, जिससे वह खुद को 'बंधक' जैसी स्थिति में महसूस कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक दलों में सहयोग नहीं होगा, तब तक यूनुस के लिए शासन चलाना संभव नहीं है.
राजनीतिक समर्थन की कमी बनी चुनौती
नाहिद इस्लाम ने यह भी स्वीकार किया कि अगर यूनुस को राजनीतिक समर्थन नहीं मिलेगा, तो उनके पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. "अगर राजनीतिक दल चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें और उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तो वह क्यों रुकेंगे?" — इस बयान से स्थिति की गंभीरता स्पष्ट होती है.
सेना और सरकार के बीच टकराव
राजनीतिक अस्थिरता के बीच बांग्लादेश की सेना भी सरकार से टकराव की स्थिति में है. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने यूनुस सरकार को दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दे दिया है. इसके साथ ही यह भी सामने आया है कि सरकार ने अमेरिका के साथ म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा बनाने की गुप्त डील की थी, जिससे सेना नाराज है.
प्रदर्शनों ने बढ़ाई मुश्किलें
बांग्लादेश में छात्र संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों की मांग है कि इस साल के अंत तक आम चुनाव कराए जाएं. साथ ही महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को सरकार से बाहर निकालने की मांग भी जोर पकड़ चुकी है.
यूनुस कैसे बने अंतरिम सरकार प्रमुख?
पिछले साल 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट और उनके भारत भाग जाने के बाद, 8 अगस्त को प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया गया था. शुरुआत में सेना और आम जनता के समर्थन से उन्होंने कार्यभार संभाला, लेकिन अब वही समर्थन उनकी सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.
क्या होगा अगला कदम?
अब सबकी निगाहें यूनुस के अगले कदम पर टिकी हैं. क्या वह सच में इस्तीफा देंगे? क्या बांग्लादेश एक और राजनीतिक उथल-पुथल की ओर बढ़ रहा है? क्या विपक्ष और सेना के दबाव में अंतरिम सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी? इन सवालों के जवाब आने वाले कुछ दिनों में मिल सकते हैं.