इस्लामाबाद. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने भ्रष्टाचार के तीन मामलों में जमानत के लिये दायर अपनी अर्जियों को बुधवार को वापस ले लिया. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार अर्जियों को वापस लेने के फैसले के बारे में जरदारी ने खुद जानकारी दी. उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) को संबोधित करने के लिये न्यायाधीशों से अनुमति भी मांगी.
63 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति आमिर फारुक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी की पीठ को बताया कि वह पार्क लेन कंपनी, बुलेटप्रुफ कार और तोशाखाना मामलों में जमानत अर्जियों को वापस लेना चाहते हैं.
आरोप हैं कि जरदारी ने संदिग्ध बैंक खातों और कंपनियों के जरिये बड़ी धनराशि का धनशोधन किया. उन्होंने अपने खिलाफ दायर इन मामलों की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि उन पर आरोप लगाये जाने के कारणों से वह भली भांति वाकिफ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैं यहां अदालत में क्यों खड़ा हूं. मेरे वकील सक्षम हैं और मैं अदालत में यकीन करता हूं. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि इन मामलों में चाहे कितनी बार भी जमानत मिल जाये इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे गिरफ्तार करने के लिये राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो हर बार नये आरोपों के साथ आयेगा.’’