इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की अर्थव्यवस्था (Economy) बेहद बुरे दौर में है. पड़ोसी देश में आर्थिक विकास दर कम तो वहीं मंहगाई चरम पर पहुंच गई है. पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले अपने निचले स्तर पर पहुंच चुकी है. अपने खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खूब हाथपैर मार रहे है. लेकिन उनकी सभी कोशिशे बेकार साबित हो रही है. इस बीच भारी कर्ज तले दबे पाकिस्तान को एक नया कर्ज मिलने वाला है. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान की कंगाली को दूर करने के लिए छह अरब डॉलर के राहत पैकेज की मंजूरी दी.
पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन की खबर के मुताबिक बजटीय समर्थन के लिए एशियाई विकास बैंक या एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) जल्द पाकिस्तान को 3.4 अरब डॉलर का कर्ज देगा. इमरान खान के वित्तीय सलाहकार के हवाले से डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया की कुल राशि में से एडीबी 2.1 अरब डॉलर करार होने के एक साल बाद जारी करेगा. इसके साथ ही यह कर्ज रियायती ब्याज दर पर दिया जा रहा है.
इसी सप्ताह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था. पाकिस्तानी रुपया 54 पैसे कमजोर होकर 152.10 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया. इससे पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ने की उम्मीद है. पाकिस्तान में मई महीने में महंगाई दर 8.82% की तुलना में बढ़कर 9.11% पर पहुंच गई है. जबकि हाल ही में आए पाकिस्तान के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार देश की आर्थिक विकास दर महज 3.3 फीसदी है.
ADB to give $3.4 billion in #budgetary support. I had a meeting with Mr. Werner Liepach, DG ADB today to agree on the #ADB program. The ADB will provide $3.4 billion in budgetary support to help with #reforms and stabilization of the #economy.
— Dr. Abdul Hafeez Shaikh (@a_hafeezshaikh) June 15, 2019
इसी साल जून महीने में इमरान खान ने अपना पहला बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. अगर, अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना है तो सबसे पहले इसे कम करना होगा. क्योकि हमारे बजट का अधिकतर हिस्सा कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च होता है.
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हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि गंभीर आर्थिक हालात के चलते सेना स्वेच्छा से अपने खर्चो में कटौती करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा था कि कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद यह फैसला लिया गया है. पाकिस्तान का निवर्तमान वित्तीय वर्ष (2018-19) के लिए मूल बजटीय आवंटन 1100 अरब पाकिस्तानी रुपये है.
गौरतलब हो कि पाकिस्तान सरकार ने पिछले महीने आईएमएफ के साथ छह अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बात पक्की की. इस समझौते के तहत आईएमएफ (IMF) खस्ताहाल अर्थव्यवस्था वाले पाकिस्तान को तीन वर्षों में छह अरब डॉलर का ‘बेलआउट पैकेज’ देगा. बता दें कि पाकिस्तान खुद को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने के लिए आईएमएफ से 8 अरब डॉलर का कोष चाहता था. इसके लिए पाकिस्तान पिछले आठ महीने से आईएमएफ के पीछे पड़ा हुआ था.