भारत ने रूस से लिए हथियार तो अमेरिका को आया गुस्सा, दी इतनी बड़ी धमकी
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है. रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के तहत यदि कोई देश रूस से रक्षा या खुफिया विभाग के क्षेत्रों में कोई लेन-देन या सौदे करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा
पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को आगाह किया है कि रूस से हथियारों की खरीद करने पर उसे अमेरिका से विशेष छूट मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी. वाशिंगटन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत अपने पुराने सहयोगी देश रूस से जमीन से हवा में लंबी दूरी की मारक क्षमता रखने वाली मिसाइल-रोधी प्रणाली एस-400 सहित अन्य हथियारों की खरीद कर रहा है.
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भारत अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बनकर उभरा है. रूस के खिलाफ अमेरिका के मौजूदा नियमों के तहत यदि कोई देश रूस से रक्षा या खुफिया विभाग के क्षेत्रों में कोई लेन-देन या सौदे करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. लेकिन, रक्षा मंत्री जिम मैटिस के प्रयासों के बाद अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री को रूस के साथ सौदा करने वाले सहयोगी देशों को प्रतिबंधों से छूट देने का अधिकार दे दिया.
पेंटागन में एशिया और प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री रैंडल स्रीवर ने कहा कि छूट देने वालों ने एक ऐसा माहौल बनाया है जिससे लगता है कि भारत को इस संबंध में छूट प्राप्त होगी ही, फिर चाहे वह कुछ भी करता रहे. उन्होंने कल कहा, ‘मैं बताना चाहूंगा कि यह थोड़ी भ्रमित करने वाली बात है.’
उन्होंने कहा, हमें अभी भी इसकी चिंता है कि भारत रूस के साथ बड़े सौदे कर सकता है. यहां बैठकर मैं आपसे यह नहीं कह सकता कि उन्हें छूट मिलेगी ही और उनके लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी. गौरतलब है कि स्रीवर का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब एक सप्ताह बाद नयी दिल्ली में भारत और अमेरिका के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 वार्ता होनी तय हुई है. वार्ता के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस नयी दिल्ली जाने वाले हैं.
भाषा