लंदन: वैज्ञानिकों ने तैरने वाले सूक्ष्म रोबोटिक यंत्र बनाए हैं जो शुक्राणु कोशिकाओं के आकार और व्यवहार की नकल करते हैं. इनका इस्तेमाल शरीर के विशिष्ट हिस्सों में दवा पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. ये यंत्र सुक्ष्म हैं. उनका ऊपरी सिरा चुंबकीय है और निचला हिस्सा लचीली पूंछ जैसा है. इसके चुंबकीय क्षेत्र से सक्रिय करने पर उन्हें खास हिस्से तक ‘‘तैर’’ कर जाने में मदद मिलती है.
ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के अनुसंधानकर्ताओं ने ये यंत्र और चुंबीय नियंत्रण प्रणाली बनाई है. उन्होंने विभिन्न वातावरणों में इन यंत्रों के व्यवहार का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक ‘मैथेमेडिकल मॉडल’ भी विकसित किया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन यंत्रों का इस्तेमाल शरीर के विशिष्ट हिस्सों तक दवाइयां पहुंचाने में किया जा सकता है. साथ ही, इनका इस्तेमाल इलाज में लगने वाले समय में नाटकीय सुधार करने तथा उन्हें सफल बनाने में भी किया जा सकता है.
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फियोडोर ओग्रिन ने कहा, ‘‘यह तकनीक हमारे इलाज करने का तौर-तरीका पूरी तरह बदल सकती है. एक दिन इन ‘तैराकों’ का इस्तेमाल रक्त वाहिकाओं से गुजर कर दवा को ठीक-ठीक उस अंग में पहुंचाने में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां उसकी जरूरत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे इलाज में लगने वाला समय कम हो सकता है जिससे संभवत: लोगों की जान बच सकती है.