यूक्रेन पर रूस का बड़ा हवाई हमला, दो दिन में ही 57 से ज्यादा लोग मारे गए
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

बीते 10 दिनों से रूस ने यूक्रेन पर हवाई हमले काफी तेज कर दिए हैं. लवीव शहर पर ताजा रूसी हमले में बच्चों समेत कम-से-कम सात लोग मारे गए. बीते दिन भी मिसाइल हमलों में 50 से ज्यादा यूक्रेनियों की जान गई.यूक्रेन के लवीव शहर पर रूसी हमलों में तीन बच्चों समेत सात लोग मारे गए हैं. ये हमले 3 और 4 सितंबर की दरमियानी रात हुए. यूक्रेनी अखबार 'कीव इंडिपेंडेंट' के मुताबिक, रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों में मारे गए लोगों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं.

अपनी पत्नी और तीन बेटियों को खोने के बाद परिवार में जिंदा बचे अकेले शख्यास यारोस्लाव नाम के शख्स के प्रति संवेदना जताते हुए शहर के मेयर आंद्री सदोव्यी ने टेलिग्राम पर लिखा, "मैं नहीं जानता कि इस परिवार में पिता यारोस्लाव को ढाढस बंधाने के लिए क्या शब्द इस्तेमाल करूं. आज हम सभी आपके साथ हैं."

लवीव, यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में बसा शहर है. पिछले हफ्ते भी रूस ने यहां ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया था, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई.

पोलतावा शहर पर भी बड़ा हमला

3 सितंबर को रूस ने यूक्रेन के पोलतावा शहर पर मिसाइल हमले किए थे, जिनमें कम-से-कम 50 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए. मिसाइल दागे जाने से ऐन पहले शहर में हवाई बमबारी से सावधान करने के लिए सायरन बजे थे. लोग जल्दबाजी में सुरक्षित जगहों पर जा रहे थे, तभी रूसी बैलिस्टिक मिसाइलों ने हमला किया. यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, मिसाइलों ने सेना के एक प्रशिक्षण केंद्र और नजदीकी अस्पताल को भी निशाना बनाया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मृतकों में केवल यूक्रेनी सैनिक ही हैं या आम नागरिक भी हताहत हुए हैं.

इस हमले में पोलतावा शहर को काफी नुकसान हुआ है. सैन्य संचार संस्थान की एक इमारत काफी क्षतिग्रस्त हुई है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, संस्थान के प्रवेश द्वार के भीतर खून फैला था. पूरे शहर में धुएं की गंध थी. इमारतों की खिड़कियों के टूटे कांचों का ढेर सड़कों पर नजर आया. हमले के कारण हुए नुकसान को रेखांकित करते हुए पोलतावा के गर्वनर फिलिप प्रोनिन ने कहा कि यह समूचे क्षेत्र के लिए बड़ी त्रासदी है. प्रोनिन ने टेलिग्राम पर लिखा, "दुश्मन को इंसानियत के खिलाफ किए गए अपने अपराधों का जवाब देना ही होगा."

कुर्स्क ऑपरेशन: यूक्रेन का औचक हमला, रूस के शहर पर कब्जा

इसे यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से अब तक के सबसे जानलेवा हमलों में से एक बताया जा रहा है. यह आक्रमण ऐसे समय में हुआ है, जब यूक्रेनी सेना रूस के कुर्स्क प्रांत में मिली सैन्य बढ़त को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है. 6 अगस्त को किए गए औचक हमले में यूक्रेनी सेना सीमावर्ती कुर्स्क प्रांत में भीतर तक घुस गई और कई गांवों को अपने नियंत्रण में ले लिया. इसकी प्रतिक्रिया में रूस ने पिछले 10 दिनों से ड्रोन और मिसाइल हमलों की तीव्रता बढ़ा दी है. खबरों के मुताबिक, रूस में कई सैन्य ब्लॉगर इसे रूसी भूभाग में "यूक्रेनी सेना की हालिया घुसपैठ" का जवाब बता रहे हैं.

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फिर की पश्चिमी देशों से अपील

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हमलों की निंदा करते हुए इसे "यूक्रेनी शहरों पर रूस का आतंकी हमला" बताया. हमलों के मद्देनजर उन्होंने एक बार पश्चिमी देशों से सैन्य सहयोग बढ़ाने और लंबी दूरी तक वार करने वाले हथियार देने की अपील की, ताकि यूक्रेन हमलों का समुचित जवाब दे सके. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'टेलिग्राम' पर लिखा, "यूक्रेन को अभी एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलें चाहिए. लंबी दूरी तक वार करने में सक्षम हथियार जो हमें रूसी आतंक से बचाएं, वे अभी चाहिए बाद में नहीं. हर एक दिन की देरी का मतलब है ज्यादा लोगों की मौत."

जेलेंस्की ने यह मांग भी दोहराई कि सैन्य मदद दे रहे पश्चिमी सहयोगी उनके हथियारों के इस्तेमाल पर लागू पाबंदियों में भी ढील दें. यूक्रेन चाहता है कि उसे पश्चिमी देशों द्वारा दिए गए हथियारों से रूसी भूभाग में अंदर तक हमला करने की अनुमति दी जाए. वहीं, पश्चिमी सहयोगियों को आशंका है कि उनके हथियारों से रूस को सीधे निशाना बनाने पर संघर्ष का दायरा बढ़ सकता है और सीधे मॉस्को से भिड़ंत की नौबत आ सकती है.

रूस के साथ संघर्ष में आई तेजी के बीच यूक्रेन की कैबिनेट में बड़े बदलाव की खबर है. 3 सितंबर से अब तक कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं, जिनमें विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भी शामिल हैं. संसद के प्रवक्ता रुसलान स्टेफानचुक ने अपने फेसबुक पेज पर कुलेबा का लिखा एक पत्र साझा किया, जिसमें उन्होंने पद छोड़ने की बात कही है. स्पीकर ने बताया कि कुलेबा के इस्तीफे की पेशकश पर संसद के आगामी सत्र में फैसला लिया जाएगा. इससे पहले रक्षा, न्याय और पर्यावरण विभागों के मंत्रियों ने भी पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी.

रूस पर आम लोगों को निशाना बनाने के आरोप

यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही रूसी सेना पर आरोप लगते रहे हैं कि उसके मिसाइल आम नागरिकों को भी निशाना बनाते हैं. मार्च 2022 में मारियोपोल के एक थिएटर पर हुआ भीषण हमला इसकी एक बड़ी मिसाल माना जाता है. हमले से पहले सैकड़ों लोगों ने सुरक्षा के लिए इस थिएटर के बेसमेंट में पनाह ली थी. यह बमबारी से बचाव के लिए शहर का मुख्य शेल्टर था.

समाचार एजेंसी एपी की एक जांच के मुताबिक, थिएटर पर हुए रूसी हमले में लगभग 600 लोग मारे गए. 2022 में ही रूस ने एक ट्रेन स्टेशन को भी निशाना बनाया, जिसमें 61 लोगों की जान गई. रूसी सेना ने रिहाइशी इमारतों, सोसायटी और बाजार को भी निशाना बनाया है. हालांकि, रूस आम लोगों को निशाना बनाने के आरोपों से इनकार करता है.

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पोलैंड भी सावधान, हवाई सुरक्षा बढ़ाई

लवीव, नाटो सदस्य पोलैंड की सीमा से करीब 70 किलोमीटर दूर है. अपनी सीमा के पास रूसी हमलों में आई तेजी के मद्देनजर पोलैंड ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. पोलिश वायुसेना के विमान अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पिछले आठ दिनों में तीन बार उड़ान भर चुके हैं. पोलिश आर्म्ड फोर्सेज के ऑपरेशन कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पोलैंड में समूची हवाई रक्षा प्रणाली के लिए यह एक और व्यस्त रात थी. इसका कारण यह है कि रूस के लंबी-दूरी के हथियार हमले कर रहे हैं."

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इससे पहले 26-27 अगस्त को लवीव पर हुए बड़े आक्रमण के समय भी पोलैंड ने अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का आरोप लगाया था. खबरों के मुताबिक, रूस की ओर से छोड़ा गया एक ड्रोन पोलैंड के हवाई इलाके में दाखिल हुआ.

एसएम/एए (एपी, एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)