Shocking! कनाडा के आवासीय स्कूल में 751 शव मिलने से हड़कंप, जमीन में दफन क्रूरता की दास्तां सुन कांप जाएगी रूह

कनाडा (Canada) में जांचकर्ताओं ने स्वदेशी बच्चों के एक पूर्व आवासीय स्कूल की साइट पर 751 अचिह्नित कब्रें (Grave) पाई हैं. सस्केचेवान (Saskatchewan) की राजधानी रेजिना (Regina) से लगभग 87 मील पूर्व में स्थित मैरीवल इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल (Marieval Indian Residential School) में शवों को खोजा गया है.

कब्र I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: pixabay)

कनाडा (Canada) में जांचकर्ताओं ने स्वदेशी बच्चों के एक पूर्व आवासीय स्कूल की साइट पर 751 अचिह्नित कब्रें (Grave) पाई हैं. सस्केचेवान (Saskatchewan) की राजधानी रेजिना (Regina) से लगभग 87 मील पूर्व में स्थित मैरीवल इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल (Marieval Indian Residential School) में शवों को खोजा गया है. यहां 1899 से 1997 तक  बच्चे पढ़ने आते थे. उम्मीद जा रही है कि पूरे कनाडा में अन्य आवासीय स्कूल के मैदानों में भी ऐसी कब्रें खोजने पर मिलेंगी. चीन, कनाडा के बीच मानवाधिकार के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र निकाय में बहस

बीते महीने भी कनाडा के एक अन्य स्कूल में 200 से अधिक शव मिले थे. ब्रिटिश कोलंबिया के सैलिश बोलने वाले एक समूह फर्स्ट नेशन की प्रमुख रोसेन कैसमिर ने दावा किया था कि जमीन के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार की मदद से 215 बच्चों के शव मिले. इनमें कुछ तीन वर्ष की उम्र के बच्चों के शव हैं. इस घटना के सामने आने के बाद सामुदायिक नेताओं ने मांग की कि हर उस स्थान की जांच की जाए जहां कभी कोई आवासीय स्कूल रहा हो.

इसी महीने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए पूर्व आवासीय स्कूलों में अब तक चिह्नित नहीं हो पाई कब्रों का पता लगाने के प्रयासों को समर्थन देने का फिर से संकल्प लिया.

ट्रूडो ने कहा कि ब्रिटिश कोलंबिया के कैम्लूप्स में एक पूर्व मूलनिवासी आवासीय स्कूल में दफन 215 बच्चों के अवशेष मिलना एक बड़ी त्रासदी का हिस्सा है. संस्थानों ने देश भर में परिवारों से बच्चों को लेकर अपने पास रखा. ट्रूडो ने संसद में एक आपात बहस में कहा था, ‘‘बच्चों को उन तथाकथित स्कूलों में कभी नहीं भेजा जाना चाहिए था जहां वे अपने परिवारों और समुदायों से अलग हो गए थे, जहां उन्हें भयानक अकेलेपन का सामना करना पड़ा था, जहां उन्हें अकल्पनीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह कनाडा की गलती है.’’

गौरतलब है कि 19वीं सदी से 1970 के दशक तक फर्स्ट नेशन के 1,50,000 से अधिक बच्चों को कनाडाई समाज में अपनाने के कार्यक्रम के तौर पर सरकार के वित्त पोषण वाले ईसाई स्कूलों में पढ़ना होता था. उन्हें ईसाई धर्म ग्रहण करने के लिए विवश किया जाता और अपनी मातृ बोलने नहीं दी जाती थी. कई बच्चों को पीटा जाता था, उन्हें अपशब्द कहे जाते थे और बताया जाता है कि उस दौरान 6,000 बच्चों की मौत हो गयी थी. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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