Govatsa Dwadashi 2019: कार्तिक कृष्णपक्ष की द्वादशी को ‘गोवत्स द्वादशी’ के नाम से भी जाना जाता है. इसे ‘बछ बारस का पर्व’ भी कहते हैं, जबकि गुजरात में इसे ‘वाघ बरस’ कहते हैं. इस दिन गौ माता और बछड़े की पूजा की जाती है. यहां ध्यान देने की बात यह है कि यह पूजा गोधुली बेला में होती है. सनातन धर्म की मान्यतानुसार गोवत्स का पर्व साल में चार बार ( कार्तिक, माघ, वैशाख और श्रावण मास के कृष्णपक्ष की द्वादशी) को किया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष यह व्रत 25 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है.