Smart TV to AC: भारतीय घरों के लिए देसी फ्लेवर

कोविड-19 (COVID-19) के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और भारत के नए घोषित प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों (Electronics & Home Appliances) के विनिर्माण क्षेत्र को एक नई गति प्रदान की है.

कलर टीवी | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली, 20 मार्च: कोविड-19 (COVID-19) के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और भारत के नए घोषित प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों (Electronics & Home Appliances) के विनिर्माण क्षेत्र को एक नई गति प्रदान की है. मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, सुरक्षा उपकरण और कैमरों के निर्माता डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा क्षमताओं का विस्तार इसका एक अच्छा उदाहरण है. यह भी पढ़े:  Micromax In 1 भारत में हुआ लॉन्च, जानिए इस स्मार्टफोन के फीचर्स और कीमत

इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने अपने परिचालन के विस्तार के माध्यम से आंध्र प्रदेश में 4,000 नौकरियां देने की योजना की घोषणा की.

डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने कहा कि यह कडप्पा जिले में अपनी कोपार्थी इकाई में लगभग 2,000-3,000 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा, जबकि कंपनी तिरुपति में 1,000 और नौकरियां देने की परिकल्पना करती है. इसमें बॉश कंपनी के साथ घरेलू उपकरणों में वॉशिंग मशीन यूनिट स्थापित करना भी शामिल है.

कंपनी की नोएडा, देहरादून और तिरुपति में विनिर्माण इकाइयों के साथ-साथ भारत में सबसे बड़ा टेलीविजन, वॉशिंग मशीन और बल्ब निर्माण संयंत्र है.

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने पिछले महीने कहा था कि डिक्सन टेक्नोलॉजीज राज्य में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए आगे आया है.

यह वही कंपनी है जिससे दो साल पहले स्मार्ट टीवी निर्माण के लिए तिरुपति में अपना कारखाना लगाकर अपनी 'मेक-इन-इंडिया' यात्रा शुरू करने के उद्देश्य से शाओमी ने हाथ मिलाया था.

अपनी निर्माण क्षमता का विस्तार करने के लिए शाओमी ने भारत में स्मार्ट टीवी के निर्माण के लिए एक नए विनिर्माण भागीदार - हैदराबाद-मुख्यालय रेडिएंट अप्लायंसेज एंड इलेक्ट्रॉनिक्स - को अपने साथ लिया.

रेडिएंट अप्लायंसेज ने तेलंगाना में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है. इसी तरह, रियलमी ने पिछले साल कहा था कि उसने ग्रेटर नोएडा में 100 प्रतिशत टीवी उत्पादन शुरू कर दिया है.

रियलमी के उपाध्यक्ष और रियलमी इंडिया ऐंड यूरोप के सीईओ माधव शेठ ने आईएएनएस को बताया, "रियलमी स्मार्ट टीवी के लिए हमारी प्रतिबद्धता वही है, जो भारत में 100 फीसदी स्थानीय रूप से निर्मित हमारे फोन के लिए है. लॉकडाउन के बाद देश में अधिक उत्पादन लाने और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता है."

स्मार्ट टीवी निर्माता टीसीएल इंडिया ने कहा कि वह स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में टीवी के लिए उचित समावेश की उम्मीद कर रहा है.

टीसीएल इंडिया के महाप्रबंधक माइक चेन ने आईएएनएस को बताया, "हमारे पास टीवी पैनल निर्माण के लिए तिरुपति में एक कारखाना है. सीएसओटी पैनल मॉड्यूल कारखाना टीवी और मोबाइल फोन के लिए स्क्रीन का उत्पादन करेगा, जिसकी डिजाइन क्षमता प्रति वर्ष 22 इंच से 55 इंच वाले स्क्रीन और बड़े आकार की टीवी स्क्रीन के लिए 80 लाख है, 3.5 इंच से 8 इंच, छोटे आकार की मोबाइल स्क्रीन के लिए इसकी उत्पादन क्षमता 3 करोड़ है."

रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और डिशवॉशर सहित अन्य क्षेत्रों में भी कई कंपनियां भारत में विनिर्माण बढ़ाने के लिए आगे आई हैं.

जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गुरमीत सिंह के अनुसार, "मेड इन इंडिया" एसी में वृद्धि की बहुत बड़ी गुंजाइश है.

उन्होंने कहा, "उपभोक्ता उपकरण क्षेत्र में 2.54 लाख लोग कार्यरत हैं. ऐसा अनुमान है कि बढ़े हुए स्वदेशीकरण के साथ, अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 1.54 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है." उन्होंने कहा कि जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया पूरी तरह से भारतीय बाजार के लिए प्रतिबद्ध है और आक्रामक तरीके से "मेड इन इंडिया" एसी को बढ़ावा दे रहा है.

वोल्टास बेको - भारत के प्रमुख एयर कंडीशनर ब्रांड वोल्टास और तुर्की के आर्सेलिक का एक संयुक्त उद्यम - ने इस महीने की शुरूआत में अपने घरेलू उपकरणों के पोर्टफोलियो - भारतीय घरों के लिए कस्टम-डिजाइन - के विस्तार की घोषणा की.

कंपनी घरेलू उपकरणों की एक श्रृंखला की शुरूआत के साथ अपने पोर्टफोलियो को मजबूत कर रही है जिसमें एयर कूलर, माइक्रोवेव ओवन, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर और रेफ्रिजरेटर शामिल हैं. इसकी निर्माण इकाई गुजरात के साणंद में स्थित है और यह जनवरी 2020 में चालू हो गया.

इस साल फरवरी में प्रकाशित केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर उत्पादन पिछले पांच वर्षों में 24 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है.

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