आयरलैंड के एक अखबार आयरिश टाइम्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लिखा आर्टिकल छापने के लिए माफी मांगी है.आयरलैंड के अखबार आयरिश टाइम्स ने एआई द्वारा लिखा एक लेख छापने के लिए माफी मांगी है. अखबार ने कहा है कि उस पर लोगों ने ‘जानबूझ कर धोखा देने का आरोप लगाया है.'
आयरलैंड के प्रतिष्ठित अखबार ने गुरुवार को यह लेख छापा था जिसका शीर्षक थाः नकली टैन के प्रति आयरिश महिलाओं की दीवानगी की समस्या. उस दिन यह लेख अखबार की वेबसाइट पर दूसरा सबसे ज्यादा पढ़ा गया लेख बन गया था. शुक्रवार को अखबार के अधिकारियों ने इस लेख को हटा लेने का फैसला किया. रविवार को इस बारे में माफीनामा छापा गया.
माफीनामा
अपनी माफी में अखबार ने कहा कि इस लेख का प्रकाशन "आयरिश टाइम्स और उसके पाठकों के बीच के भरोसे का उल्लंघन है और इसके लिए हम पूरी ईमानदारी से माफी मांगते हैं.”
अखबार के लेखक रुआदन मैक कॉरमाएक ने एक बयान में लिखा, "इस घटना ने छपाई से पहले की प्रक्रिया में कुछ कमियों को उजागर किया है. इसने समाचार संस्थानों के सामने एआई के कारण पैदा हो रहीं चुनौतियों को भी रेखांकित किया है. औरों की तरह हम भी सीखेंगे और सुधार करेंगे.”
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हटाए गए लेख में तर्क दिया गया था कि आयरलैंड की महिलाओं द्वारा कृत्रिम तरीके से अपनी त्वचा को गहरा करना दूसरों की संस्कृति को अपनाने का ढोंग करना है. इस लेख के लेखक के तौर पर इक्वाडोर की रहने वालीं आड्रियाना अकोस्टो-कोर्टेज नामक एक काल्पनिक व्यक्ति का नाम दिया गया था.
किसने लिखा लेख?
इसी नाम से एक ट्विटर हैंडल चलाने वाले व्यक्ति ने ब्रिटेन में गार्डियन अखबार से बातचीत में कहा कि अखबार ने लेख का 80 प्रतिशत हिस्सा एआई सॉफ्टवेयर जीपीटी-4 के जरिए तैयार किया था. इस लेख में लगाई गई तस्वीर पर भी पाठकों ने आपत्ति जताई थी. इस तस्वीर को डैल-ई 2 सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया था.
इस व्यक्ति ने बताया कि वह आयरलैंड के कॉलेज छात्र हैं और इस आर्टिकल को उन्होंने पहचान की राजनीति के इर्द-गिर्द होने वाली बहस की अतिश्यता पर बहस पैदा करने व अपने दोस्तों को हंसाने के लिए तैयार किया था. आयरिश टाइम्स ने कहा कि लेखक ने संपादक मंडल के साथ संवाद भी किया था और उनके सुझावों को स्वीकारा भी था.
क्या है चैटजीपीटी?
30 नवंबर 2022 को ओपनएआई नाम की कंपनी ने एआई चालित चैटबोट, चैटजीपीटी को रिलीज किया था. इंटरनेट ब्राउजर के जरिए कोई भी चैटजीपीटी में इंटरैक्ट कर सकता है. आप सवाल टाइप कीजिए या कमांड दीजिए और चैटजीपीटी जवाब देगा (कमोबेश हर चीज का).
उसकी रिलीज के पांच दिनों के भीतर ही, दस लाख लोग उसके ग्राहक बन गए. चैटजीपीटी को लेकर ये दावा किया जाता है कि वो मनुष्य सरीखी योग्यता या प्रवीणता के साथ समझा सकता है, प्रोग्राम कर सकता है और दलील दे सकता है. कील यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस से जुड़ी वेसेल्स इस तकनीक से हैरान हैं. वो कहती हैं, "ये दूसरी दुनिया में दाखिल होने की तरह है."
वीके/एए (एएफपी)