एक नई स्टडी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं - माइक्रोप्लास्टिक्स पुरुषों के अंडकोषों में मौजूद पाए गए हैं, और वो भी 100% मामलों में! ये नतीजे "टॉक्सिकोलॉजिकल साइंसेज" नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं. इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 23 मानव अंडकोष और 47 कुत्तों के अंडकोषों का परीक्षण किया. उन्होंने हर नमूने में माइक्रोप्लास्टिक्स की मौजूदगी पाई.
मानव अंडकोषों को संरक्षित करके रखा गया था, इसलिए इनके शुक्राणुओं की संख्या मापी नहीं जा सकी. लेकिन कुत्तों के अंडकोषों के नमूनों में शुक्राणुओं की संख्या की जांच की गई. इस जांच से पता चला कि जिन नमूनों में PVC का स्तर ज्यादा था, उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम थी.
हालांकि, ये अध्ययन केवल एक संबंध दर्शाता है, माइक्रोप्लास्टिक्स और शुक्राणुओं की संख्या में कमी के बीच सीधा संबंध साबित करने के लिए और शोध की जरूरत है. कई दशकों से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. कई अध्ययनों में कीटनाशकों जैसे रासायनिक प्रदूषण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
NEW: Cancer-causing microplastics are found in 100% of men's testicles in new study — Daily Mail
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) May 20, 2024
हाल ही में मानव रक्त, प्लेसेंटा और स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में भी माइक्रोप्लास्टिक्स की खोज की गई है, जो यह साबित करता है कि ये कण हमारे शरीर में व्यापक रूप से फैल चुके हैं.
हालांकि इनके स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों के बारे में अभी तक कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन प्रयोगशालाओं में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि माइक्रोप्लास्टिक्स मानव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
प्लास्टिक कचरे की भारी मात्रा पर्यावरण में डाली जा रही है. माइक्रोप्लास्टिक्स ने पूरी दुनिया को प्रदूषित कर दिया है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट की चोटी हो या महासागरों की गहराई. इन छोटे कणों को हम भोजन, पानी और सांस के साथ अपने शरीर में लेते हैं. ये कण ऊतकों में फंस सकते हैं और सूजन पैदा कर सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वायु प्रदूषण के कण करते हैं.
इसके अलावा, प्लास्टिक में मौजूद रसायन भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. मार्च में, डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि जिन लोगों के रक्त वाहिकाओं में सूक्ष्म प्लास्टिक मिला है, उनमें स्ट्रोक, दिल का दौरा और समय से पहले मृत्यु का खतरा काफी बढ़ जाता है.
SCIENCE: Microplastics have been found in every tested human testicle, as well as dog testicles, as part of a study published in Toxicological Sciences.
— The Spectator Index (@spectatorindex) May 20, 2024
अमेरिका के न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय में प्रोफेसर शियाओझोंग यू कहते हैं, "शुरू में मुझे संदेह था कि माइक्रोप्लास्टिक्स प्रजनन प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं. जब मुझे कुत्तों के नतीजे मिले तो मैं हैरान रह गया. और जब मानव नतीजे मिले तो मैं और भी हैरान रह गया."
जिन अंडकोषों का विश्लेषण किया गया, वे 2016 में किए गए शव परीक्षणों से प्राप्त किए गए थे. इन पुरुषों की मृत्यु के समय उनकी उम्र 16 से 88 वर्ष के बीच थी. प्रोफेसर यू कहते हैं, "आज के समय में पर्यावरण में पहले से कहीं ज्यादा प्लास्टिक है, ऐसे में युवा पीढ़ी पर इसका प्रभाव और भी चिंताजनक हो सकता है."
इस अध्ययन में, टिश्यू नमूनों को घोलकर उसमें मौजूद प्लास्टिक का विश्लेषण किया गया. कुत्तों के अंडकोष पशु चिकित्सा संस्थानों से प्राप्त किए गए थे, जहां बंध्याकरण किया जाता है. मानव अंडकोषों में प्लास्टिक की सांद्रता कुत्तों के अंडकोषों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थी: प्रति ग्राम टिश्यू 330 माइक्रोग्राम बनाम 123 माइक्रोग्राम. पॉलीइथिलीन, जिसका उपयोग प्लास्टिक बैग और बोतलों में किया जाता है, सबसे आम माइक्रोप्लास्टिक था, उसके बाद PVC आया.
प्रोफेसर यू कहते हैं, "PVC कई ऐसे रसायन छोड़ सकता है जो शुक्राणु उत्पादन में हस्तक्षेप करते हैं और इसमें एंडोक्राइन डिसरप्टर भी होते हैं." चीन में 2023 में किए गए एक छोटे अध्ययन में भी छह मानव अंडकोषों और 30 शुक्राणु नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए थे. चूहों पर किए गए हालिया अध्ययनों में बताया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक्स से शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, उनमें असामान्यताएं आती हैं और हार्मोन में गड़बड़ होती है. यह अध्ययन पर्यावरण में व्याप्त प्लास्टिक प्रदूषण के हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभावों के बारे में एक और चेतावनी है.