Phonepe: 'भुगतान धोखाधड़ी का दावा करने वाली बातें गुमराह करने वाली'
हाल ही में कुछ न्यूज साइट पर ऐसे लेख छपे थे, जिसमें एक साइबर क्राइम एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि फोनपे और गुगलपे का इस्तेमाल कर एक बहुत बड़ा घोटाला किया गया है. ये लेख लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इनके अनुसार लेनदेन के दौरान उपयोगकर्ता के केवायसी की जानकारी साझा कर दी जाती है.
नई दिल्ली, 22 मार्च : हाल ही में कुछ न्यूज साइट पर ऐसे लेख छपे थे, जिसमें एक साइबर क्राइम एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि फोनपे और गुगलपे का इस्तेमाल कर एक बहुत बड़ा घोटाला किया गया है. ये लेख लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इनके अनुसार लेनदेन के दौरान उपयोगकर्ता के केवायसी की जानकारी साझा कर दी जाती है. जबकि, एक लेख में एक्सपर्ट ने स्वयं बताया है कि "फोन पे या गूगल पे से किए जाने वाले लेनदेनों में कोई गड़बड़ी नहीं होती है." हालांकि, इन लेखों में ऐसी बातें लिखी गई हैं कि अगर कोई उपयोगकर्ता फोनपे और गूगलपे जैसे ऐप्लिकेशन से किसी ऐसे व्यक्ति को पैसे भेजता है जो धोखाधड़ी कर सकता हो, तो उस व्यक्ति के जरिए पैसा भेजने वाले की केवायसी जानकारी निकाली जा सकती है.
जबकि यह सच नहीं है क्योंकि जब कोई उपयोगकर्ता अपने बैंक खाते को यूपीआई ऐप्लिकेशन पर लिंक करता है, तो बैंक उपयोगकर्ता की केवायसी जानकारी आगे मुहैया नहीं कराता. हमारे पास किसी भी उपयोगकर्ता की कोई भी संवेदनशील जानकारी होती ही नहीं है. इसलिए, किसी भी लेनदेन के दौरान डेटा के लीक हो जाने का कोई खतरा नहीं है और न ही धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के जरिए रिवर्स इंजीनियरिंग करके डेटा निकाला जा सकता है. यह भी पढ़ें : Whatsapp New Feature: व्हाट्सऐप का नया अपडेट एडमिन को देगा और अधिक नियंत्रण
पैसा प्राप्त करने वाले के पास सिर्फ लेनदेन की राशि, यूटीआर नंबर और पैसा भेजने वाले के नाम की जानकारी ही होती है. वहीं इन लेखों में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि किसी के पैन और बैंक खाते की जानकारी को आखिर कैसे निकाला जा सकता है. हमारा मानना है कि यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करना पूरी तरह से सुरक्षित होता है. इन लेखों के जरिए भारत के ग्राहकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है.