Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में भी यूएस की अश्वेत महिलाएं भेदभाव का शिकार; शोध
black women (img: pixabay)

कैलिफोर्निया, 27 अक्टूबर : कैंसर ट्रीटमेंट में भी संयुक्त राज्य अमेरिका की बुजुर्ग अश्वेत महिलाओं को भेदभाव का शिकार होना पड़ता है. किसी श्वेत महिला के मुकाबले उन्हें लंबा इंतजार भी करना पड़ता है. नस्लीय असमानता पर प्रकाश डालते एक अध्ययन में ये बात सामने आई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क ओपन के जर्नल में प्रकाशित शोध में प्रारंभिक चरण के स्तन कैंसर से पीड़ित 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की 258,000 से अधिक महिलाओं का डाटा जुटाया गया. उनका विश्लेषण किया गया तो ये बात सामने आई.

रिपोर्ट दावा करती है कि लगभग 18 प्रतिशत अश्वेत महिलाओं को आवश्यक दिशानिर्देश के मुताबिक इलाज का लाभ नहीं मिला, जबकि 15 प्रतिशत श्वेत महिलाओं को दिशानिर्देश के मुताबिक (गाइडलाइन रिकमेंडेड) देखभाल मिली. अध्ययन में कहा गया है कि " इसमें गैर-हिस्पैनिक अश्वेत नस्ल की महिलाएं दिशा-निर्देशों के अनुरूप देखभाल न मिलने और समय पर उपचार शुरू न होने की शिकार थीं." यह असमानता उम्र, कैंसर के चरण, बीमा कवरेज और पड़ोस की आय के स्तर जैसे कारकों को ध्यान में भी दिखी. यह भी पढ़ें : Jio Diwali Dhakama Offer: रिलायंस जियो का दिवाली धमाका ऑफर, भारत फीचर फोन सिर्फ 699 ​​रुपये में उपलब्ध; चेक करें डिटेल्स

2010 से 2019 तक के राष्ट्रीय कैंसर डेटाबेस रिकॉर्ड विश्लेषण के अनुसार, डायग्नोसिस के 90 दिनों के भीतर उपचार शुरू करने के मामले में अश्वेत रोगी पिछड़ गए जबकि इनके मुकाबले श्वेत रोगियों का इलाज जल्द शुरू किया गया. ये तादाद दोगुनी से अधिक थी. अध्ययन में पाया गया कि श्वेत महिलाओं की तुलना में अश्वेत महिलाओं को विभिन्न रोगों के कारण मृत्यु का 26 प्रतिशत अधिक जोखिम था. हालांकि, जब शोधकर्ताओं ने स्टैंडर्ड रिकमेंडेड उपचार और अन्य नैदानिक और सामाजिक-आर्थिक कारकों के अंतर को ध्यान में रखा, तो यह अंतर लगभग 5 प्रतिशत तक कम हो गया.

अधिकांश रोगियों को मेडिकेयर कवरेज, एक संघीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम होने के बावजूद नस्लीय असमानताओं का शिकार होना पड़ा. जिससे ये पता चलता है कि अकेले बीमा ही उपचार में असमानता को पाटने में अहम नहीं हो सकता है. अध्ययन में पाया गया कि लगभग 79 प्रतिशत अश्वेत रोगियों और 84 प्रतिशत श्वेत रोगियों के पास मेडिकेयर कवरेज था. शोधकर्ताओं के अनुसार, पिछले अध्ययनों से पता चला है कि श्वेत महिलाओं की तुलना में अश्वेत महिलाओं को स्तन कैंसर से मृत्यु दर 40 प्रतिशत अधिक है.